आने वाले दिनों में भारत-मंगोलिया संबंध हर मोड़ पर बढेंगे आगे: मोदी

आने वाले दिनों में भारत-मंगोलिया संबंध हर मोड़ पर बढेंगे आगे: मोदी
X

उनलबटोर | अध्यात्मिक रूप से भारत और मंगोलिया के काफी करीब होने के बावजूद आर्थिक संबंध अपेक्षाकृत कम होने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्वास जताया कि भारत के वैश्विक आर्थिक विकास का नया इंजन बनने की पूरी उम्मीद है जिसमें दोनों देश के संबंध हर मोड़ पर आगे बढेंगे।मंगोलिया की संसद हुराल में सांसदों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, जहां हमारे बीच मानवीय संबंध मजबूत है, वहीं हमारे आर्थिक संबंध कम हैं। लेकिन मेरे मन में कोई संदेह नहीं है कि हमारे संबंध नये युग के हर मोड़ पर आगे बढेंगे। यह भारत के आर्थिक विकास के साथ आगे बढेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि एक वर्ष पहले भारत के सवा सौ करोड़ लोगों ने मानव इतिहास के सबसे बड़े लोकतांत्रिक चुनाव में बदलाव और विकास के लिए जनादेश दिया। हम गति, संकल्प और अपने वादे को पूरा करने के उद्देश्य के साथ काम कर रहे हैं।मोदी ने कहा कि एक वर्ष से कम समय में हमारी विकास दर 7.5 प्रतिशत हो गयी। भारत दुनिया में तेजी से विकास दर्ज करने वाली अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा है। और हममें और तेजी से विकास दर्ज करने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब वैश्विक अर्थव्यवस्था कमजोर बनी हुई है, तब दुनिया एक स्वर में कह रही है कि वैश्विक आर्थिक विकास की गति प्रदान करने के लिए भारत के विकास का नया इंजन बनने की उम्मीद है।प्रधानमंत्री ने कहा कि हम इस बात को समझते हैं कि हमारी चुनौतियां भारत की विस्तृत सामाजिक एवं आर्थिक विविधता के रूप में फैली है। लेकिन हमें अपनी ठोस नीतियों और सुशासन में भरोसा है। मोदी ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था हमारे क्षेत्र और दुनिया को मजबूती प्रदान कर रही है और इससे मंगोलिया को भी लाभ होगा। जारीमोदी ने कहा कि मंगोलिया का आर्थिक विकास भी प्रभावशाली है। इसलिए हमारे बीच भौगोलिक दूरी होने के बावजूद भी हमारे द्विपक्षीय संबंध आगे बढ़ेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि मंगोलिया खनिज संसाधनों से परिपूर्ण है जो हमारे संबंधों के लिए ईंधन का काम कर सकता है और मैं समझता हूं कि दूरी मंगोलिया को अपना सही सहयोगी चुनने में बाधक नहीं बनेगी।मोदी ने कहा कि हमें हमारे देश की एकजुटता और हमारे लोगों के साझे उद्देश्य से उम्मीद मिलती है। इसके साथ ही हमें युवा भारत की आकांक्षाओं से उर्जा प्राप्त होती है । हमारे 80 करोड़ युवा 35 वर्ष से कम आयु के हैं। वे अपने सपने पूरा करने के लिए उत्सुक हैं और उन्हें अपनी क्षमताओं पर पूरा भरोसा है।उन्होंने कहा कि हम डिजिटल दुनिया के आर्थिक अवसरों को हासिल कर सकते हैं और साइबर खतरों के प्रति दुनिया को सुरक्षित बनाने के लिए मिलकर काम कर सकते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि व्यापार और निवेश से आगे हमारे संबंधों का विकास हमारे साझे आदर्श और दृष्टि का परिचायक है। मेरा मानना है कि हमारे संबंधों का व्यापक आयाम मानव संसाधन एवं संस्थाओं का विकास है। मोदी ने कहा कि इससे किसी देश को अपनी प्रगति की जिम्मेदारी की क्षमता प्राप्त होती है। इससे विकल्पों की स्वतंत्रता मिलती है और विकास व्यवहार्य बनता है। हम इस सोच के प्रति प्रतिबद्ध हैं।प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत मंगोलिया हमारा सबसे बड़ा सहयोगी है। हम मंगोलिया के लिए आईटीईसी प्रशिक्षण की संख्या को 150 से बढाकर 200 करेंगे और भारत मंगोलिया संयुक्त स्कूल स्थापित करेंगे। उन्होंने कहा कि वह मंगोलिया को भाभाट्रान उपकरण सौंपने जा रहें हैं जो कैंसर के उपचार में सहायक होगा। यह असैन्य परमाणु क्षेत्र में हमारे सहयोग का पहला प्रदर्शन होगा।उन्होंने कहा कि हमने मंगोलिया के प्रधानमंत्री को बताया है कि भारत, मंगोलिया को एक अरब डॉलर की ऋण सुविधा प्रदान करेगा जो मंगोलिया में आधारभूत संरचना एवं मानव संसाधन के विकास के लिए होगा। मोदी ने कहा कि हमने इस बात पर भी सहमति व्यक्त की कि भारत मंगोलिया के रक्षा एवं सुरक्षा प्रतिष्ठानों में साइबर सुरक्षा केंद्र स्थापित करने में मदद करेगा।प्रधानमंत्री ने कहा कि एक समय था जब भगवान बुद्ध के संदेशवाहक एशिया को प्रेम एवं करूणा के संदेश के जरिये जोड़ते थे। समय गुजरने के साथ इसके निशान अभी मिटे नहीं हैं क्योंकि उनके संदेश का महत्व कभी समाप्त नहीं हो सकता।मोदी ने कहा कि आपका देश हमें याद दिलाता है कि दुनिया कितनी खूबसूरत है। इस महान संसद को संबोधित करना वास्तव में बड़े सम्मान की बात है। मंगोलिया में लोकतंत्र के 25वें वर्ष में ऐसा करना विशेष सम्मान की बात है। आप हमारी दुनिया में लोकतंत्र के नये प्रकाश पुंज हैं।मोदी ने कहा कि मानव के जीवन में, राष्ट्र के जीवन में..कुछ ही चीजें ऐसी होती हैं जो मित्रता के तोहफे के समान अमूल्य हो। इसलिए मैं अपने पूरे देश की ओर से यह कहना चाहता हूं कि हम मंगोलिया के लोगों की मित्रता को काफी गहराई से महत्व देते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और मंगोलिया महत्वपूर्ण मील के पत्थर पर हैं। हम अपने राजनयिक संबंधों के 60 वर्ष को मना रहे हैं। लेकिन हमारे संबंध भावनात्मक रूप से समय से परे हैं। मोदी ने कहा कि इतिहास पर नजर डालने पर हमारी सभ्यताएं, साहित्य और कला एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। और यह भारत की समृद्ध विविधता और संस्कृति में झलकती है।उन्होंने कहा कि आज भारतीय और मंगोलिया के लोग दुनिया को यह बता रहे हैं वह दिलों के मेल से दूरी की बाधाओं को कैसे दूर किया जा सकता है। यह बंधन भारत में आध्यात्मिक ज्ञान की तलाश के लिए मंगोलिया से हर साल आने वाले मिक्षुओं और ज्ञान एवं प्रशिक्षण के लिए गए सैकड़ों लोगों के जरिये और मजबूत हुआ। मोदी ने कहा कि दो हजार वर्ष पहले भारत से भिक्षुक कठिन रास्तों और लम्बी दूरी को पार करते हुए इस भूमि तक भगवान बुद्ध के संदेश का विस्तार करने आए। कई लोग यहां से भारत के उष्ण कटिबंधीय क्षेत्र में आध्यात्मिक ज्ञान की तलाश करने गए। प्रधानमंत्री ने कहा कि पांच दशक पहले हम आपके साथ मजबूती से खडे रहे जब आप संयुक्त राष्ट्र की सदस्यता एक सार्वभौम राष्ट्र के रूप में चाह रहे थे। समय समय पर आपने संयुक्त राष्ट्र और अन्य स्थान पर हमारे साथ एकजुटता का प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि आज भारत और मंगोलिया दुनिया को यह बता रहे हैं कि दिलों के संबंध में दूरियों की बाधाओं को पार करने की क्षमता होती है।

Next Story