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रजिस्ट्री चुराकर दोस्त ने निकाला लोन

14 साल बाद धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज

ग्वालियर। बीमार पत्नी को अस्पताल लेकर गए दोस्त के घर रखी मकान की रजिस्ट्री चुराकर बैंक में इस रजिस्ट्री की गारंटी फर्जी तरीके से लगाकर लोन निकला लिया। गृहस्वामी को इस बात का पता बैंक का डिमांड नोटिस आने पर लगा। मकान मालिक अपने धोखेबाज दोस्त के खिलाफ 14 वर्ष बाद थाने में प्राथमिकी करा सका।
घासमण्डी ग्वालियर में रहने वाले चन्द्रशेखर पुत्र शिवदयाल शर्मा मूल निवासी डबरा की शिकायत पर पुलिस ने शनिवार 4 अप्रैल को महेन्द्र सिंह पुत्र साहब सिंह भदौरिया निवासी कैलाश विहार सिटी सेंटर के विरुद्ध भादंवि की धारा 420, 403, 468, 467 के तहत धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज कराया है। पीडि़त ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके घर से खोई हुई रजिस्टी को बैंक गारंटी में लगाकर आरोपी ने युनियन बैंक ऑफ इंडिया की सराफा बाजार शाखा से वर्ष 2001 में 4 लाख 50 हजार रुपये लोन निकाल लिया।
फरियादी चन्द्रशेखर शर्मा ने बताया कि घासमण्डी में उसकी फोटो स्टूडियो की दुकान है। वर्ष 2001 में जब वह फायनेंस का काम करते थे तब उसके साथ पड़ौस में रहने वाला महेन्द्र भदौरिया भी काम करता था। एक दिन वह मकान के दस्तावेजों की फोटोकॉपी कर घर आए तो अचानक पत्नी की तबियत खराब हो गई। वह अपनी पत्नी को अस्पताल लेकर गए तो घर बैठै महेन्द्र भदौरिया ने उसके मकान की रजिस्ट्री चुरा ली। श्री शर्मा के अनुसार उनका जन्म इसी मकान में हुआ था। उनके पिता यहां किराए से रहते थे। 14 वर्ष पूर्व उन्होंने इस मकान को खरीद लिया था।
बैंक प्रबंधन पर भी मिलीभगत का आरोप
पीडि़त चन्द्रशेखर शर्मा ने आरोप लगाया है कि फर्जी तरीके से लोन निकाले जाने का फर्जीवाड़ा बैंक अधिकारियों की मिलीभगत के बिना संभव नहीं है। क्योंकि लोन कानुपर की एक फर्म के नाम पर एक डम्पर खरीदने के लिए निकाला गया। जबकि यूनियन बैंक से बने डीडी से नागपुर में फर्जी व्यक्ति ने राशि निकाल ली। इससे डम्पर नहीं खरीदा गया।
नहीं लड़ सका था विधानसभा का चुनाव
पीडि़त चन्द्रशेखर शर्मा के अनुसार आरोपी विगत विधानसभा चुनावों में सपा से टिकिट लाया था लेकिन कई अपराधिक प्रकरणों के कारण वह चुनाव नहीं लड़ सका था। आरोपी का एक भाई पुलिस आरक्षक है तथा शहर के एक सीएसपी की गाड़ी चलाता है। 

Updated : 5 April 2015 12:00 AM GMT
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