जजों की नियुक्ति आयोग की संवैधानिक कसौटी जांचना जरूरी: सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली। केंद्र सरकार की ओर से नवगठित राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) पर सुप्रीम कोर्ट ने कुछ सवाल उठाए हैं। शीर्ष कोर्ट ने कहा है कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता बरकरार रखने और संविधान के बुनियादी ढांचे से अनुरूपता के संबंध में इस आयोग का परीक्षण होना चाहिए।
एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, जस्टिस जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने कहा कि कोर्ट इस बारे में चिंतित नहीं है कि जज एनजेएसी का हिस्सा होंगे या नहीं या आयोग के सदस्य के तौर पर उन्हें क्या अधिकार होंगे, लेकिन कोर्ट का रूझान नए कानून की सैद्धांतिक वैधता जांचने को लेकर जरूर है।
कोर्ट ने साफ कहा है कि सिस्टम की स्वतंत्रता को प्रमुखता दी जानी चाहिए, जजों को या किसी और को नहीं। बेंच ने कहा, अंतत: सिस्टम की आजादी को बचाना हमारी प्राथमिकता है। कौन इसमें शामिल है, कौन नहीं है या मुख्य न्यायाधीश के पास पर्याप्त शक्तियां हैं या नहीं, ये हमारे लिए असल सवाल नहीं है। नई बॉडी का रंग-रूप या संयोजन या शब्दावली महत्वपूर्ण नहीं है, सबसे अहम है न्यायपालिका की स्वतंत्रता।
