प्रधानमंत्री पहुँचे फ्रांस; रक्षा, तकनीक, व्यापार व परमाणु क्षेत्रों पर होगी चर्चा

प्रधानमंत्री पहुँचे फ्रांस; रक्षा, तकनीक, व्यापार व परमाणु क्षेत्रों पर होगी चर्चा
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पेरिस | अपने एक साल के कार्यकाल में भूटान, नेपाल से लेकर ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका तक की यात्रा कर भारत के राष्ट्रीय हितों को साधने के बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘लुक ईस्ट, लिंक वेस्ट’ पॉलिसी के तहत अपनी तीन देशों की यात्रा शुरू कर दी है। इसी कड़ी में वे गुरुवार देर शाम फ्रांस की राजधानी पेरिस पहुंचे जहां हवाई अड्डे पर उनका स्वागत फ्रांस के खेल राज्य मंत्री थिएरी ब्रेलार्ड ने उनका स्वागत किया।
शुक्रवार सुबह राजकीय सम्मान और स्वागत समारोह के बाद प्रधानमंत्री अपने मिशन पर जुट जाएंगे जिसके तहत पहले तो बताया जा रहा है की वे फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांसवां ओलां के साथ प्रसिद्ध नदी सेन में नौका पर सवार होकर चर्चा करेंगे। 776 किलोमीटर लंबी यह नदी अपने सफाई, सुंदरता और पुराने गौरवपूर्ण इतिहास के लिए जानी जाती है। उम्मीद यह भी है की प्रधानमंत्री मोदी अपने गंगा सफाई के लक्ष्य को भी पूरा करने के लिए इस नदी से प्रेरणा लेंगे।
गौरतलब है की फ्रांस की 700 कंपनियाँ भारत से कसी ना किसी तरीके से व्यापार के जरिये जुड़ी हुई है। फ्रांस विदेशी संस्थागत निवेश के मामले में भी बहुत आगे है और करीब 10 अरब डॉलर का निवेश भारत में कर रखा है वहाँ के लोगों ने।
फ्रांस से परमाणु सहयोग पर भी बात की जानी है। फ्रांस ही पहला देश है जिसने भारत को परमाणु ऊर्जा बनाने में इस्तेमाल होने वाली यूरेनीयम की आपूर्ति की थी। बातचीत सफल होती है तो फ्रांस की अरेवा कंपनी भारत में लगभग छह परमाणु संयंत्र स्थापित कर सकता है।
रक्षा समझौते को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री मोदी ‘राफेल’ लड़ाकू विमान की खरीद प्रक्रिया पर भी चर्चा कर सकते हैं जो फिलहाल किन्हीं मामलों से अटका पड़ा हुआ है। इन सब के अलावा प्रधानमंत्री यूनेस्को की सभा को भी संबोधित कर सकते हैं और बाकी उच्च नेताओं से भी मिल सकते हैं।
पहले विश्व युद्ध में फ्रांस की सेना के साथ मिलकर लड़ाई करने वाले और शहीद होने वाले भारतीय शहीदों को भी प्रधानमंत्री निउव चैपल जाकर श्रद्धांजलि देंगे। अपने इस दौरे में प्रधानमंत्री फ्रांस की एयरबस विमान कंपनी और वहाँ की अंतरिक्ष एजेंसी सीएनईएस में भी जाएँगे जिसके बाद उम्मीद है की भारत के साथ फ्रांस तकनीक और अंतरिक्ष क्षेत्र में सहयोग बढ़ा सकता है।

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