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जनमानस

दीपिका पादुकोण की च्वॉइस

दीपिका पादुकोण कृत 'माय च्वॉइस' का वीडियो सन्देश उनकी व्यक्तिगत च्वॉइस हो सकती है इसे हमारे देश के महिला जगत पर थोपना बुद्धिहीन विवेक ही माना जायेगा। सिनेमा जगत में दीपिका पादुकोण उगते सूरज की सफलता को प्राप्त हैं परंतु उन्हें हमारे महिला जगत की जमीनी व ऐतिहासिक सच्चाई का संज्ञान जरा सा भी नहीं है। नारी यौवन को नारी का सम्पूर्ण जीवन समझने वाली दीपिका पादुकोण भूल जाती हैं कि नारी भोग्या या व्यभिचार का पर्याय नहीं है।नारी अपने सम्मान और पुरुष के व्यभिचार को नष्ट करने की प्रेरणा है।नारी पुरुष के विश्वासघातों के झंझावतों के बीच अडिग विश्वास में समय चक्र को बदल देने की सबल शक्ति का नाम है।उसे पुरुष वादी वर्चस्व की मानसिकता के होड़ में रखना सामाजिक असंतुलन व सामाजिक अराजकता को बढ़ावा देना नहीं तो और क्या है। नारी माता का वो स्वरुप है जहाँ बच्चों के संस्कार को गढऩे का प्रथम गुरु कार्य उसके ही जिम्मे है। यदि माय च्वॉइस के वीडियो सन्देश पर ध्यान दिया जाये तो दीपिका पादुकोण चाहती हैं कि नारी चरित्र नष्ट करके जीवन जिये क्या ऐसे जीवन से भारतीय संस्कृति और 'नारी' की स्वस्थ परिभाषा ही नष्ट नहीं हो जायेगी? नारी विकास और स्वतंत्रता के नाम पर नारी पतन की खाई खोदने का काम रोकने की जरुरत है परंतु दीपिका पादुकोण तो उस खाई को और चौड़ा करना चाहती है।

हरिओम जोशी, भिंड

Updated : 10 April 2015 12:00 AM GMT
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