बरसात बहा ले गई किसानों की होली की खुशियां, छह ने की खुदकुशी

नई दिल्ली। देश का 80 फीसदी इलाका पिछले 3-4 दिन से पश्चिमी चक्रवात की चपेट में रहा। जिसकी वजह से लगातार तेज बारिश हुई और आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। बेमौसम की इस बरसात ने शहरी आबादी की तकलीफें तो बढ़ाई हीं लेकिन गांवों में ये पूरी तरह तबाही लेकर आई। खड़ी फसलें जमीन पर लेट गईं और चौपट हो गईं। आसमान से ऐसी आफत बरसी कि छोटे किसानों के लिए जीविका का संकट पैदा कर गई और अर्थव्यवस्था भी अब इसके असर से बच नहीं पाएगी। इस बरसात ने होली से ऐन पहले किसानों के चेहरे मुरझा दिए। बेमौसम बारिश ने किसानों की होली को पूरी तरह बदरंग कर दिया। सबसे ज्यादा खराब हालत महाराष्ट्र के किसानों की है। फसलें बर्बाद होने की वजह से विदर्भ के 6 किसान खुदकुशी कर चुके हैं।
एकाएक बिगड़े मौसम के चलते बड़े पैमाने पर गेहूं की खड़ी फसल चौपट हो चुकी है। दालों और फलों को भी बारिश ने भारी नुकसान पहुंचाया है। मार्च की शुरुआत यानी कटाई का मौसम, ऐसा मौसम जब लहलहाते हुए खेतों से खुशी घर आती है और होलिका दहन में अन्न के पहले दाने समर्पित किए जाते हैं। लेकिन बिन मौसम हुई बारिश की मार ने सब कुछ बर्बाद कर दिया है। उत्तर भारत के एक बड़े हिस्से में खड़ी हुई फसल चौपट हो चुकी है। जो फसलें बर्बाद हुईं उनमें गेहूं, सरसों, अरहर, आम, लीची, टमाटर शामिल हैं। कई प्रदेशों में इस बरसात ने किसानों को रोने पर मजबूर कर दिया है। गुजरात में गेहूं समेत धनिया और जीरा को बड़ा नुकसान पहुंचा है।
महाराष्ट्र में पिछले 48 घंटे में हुई बारिश ने ऐसा कहर बरपाया कि रबी की फसल तो चौपट हुई ही, साथ ही दलहन तथा अंगूर और संतरा जैसे फल भी बर्बाद हो गए हैं। महीनों तक जमीन सींचकर खून पसीने से फसल तैयार करने वाले किसानों के लिए ये वक्त मुश्किलों से भरा है। महाराष्ट्र में किसानों की खुदकुशी की खबरें सबसे ज्यादा आती हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने हालात की गंभीरता को देखते हुए तमाम जिला प्रशासनों और तहसीलदारों को फसलों के नुकसान का सर्वे करने के आदेश जारी कर दिए हैं।
बरसात ने जो तबाही मचाई है उसमें उत्तर प्रदेश का एक बड़ा हिस्सा भी चपेट में है। गेहूं की खड़ी फसल बर्बाद होने का दर्द किसानों के चेहरे पर चस्पा है। जो फसल चंद दिन बाद बाजारों में पहुंचने वाली थी। अब खेतों में बर्बाद पड़ी है।
हरियाणा में बड़ी संख्या में लोग खेती के भरोसे ही हैं। लेकिन यहां भी बारिश ने तबाही और बर्बादी की कहानी दोहराई है। तेज बारिश से गेहूं की फसल और सब्जियों को भारी नुकसान पहुंचा है। दो जून की रोटी के लिए अपनी पूरी पूंजी फसल में झोंक देने वालों के लिए बारिश बेहद बुरी खबर लाई है। बरसात ने किसानों के लिए त्योहार को भी फीका कर दिया है। अब किसान सरकार से मुआवजे की गुहार लगा रहे हैं ताकि जिंदगी की गाड़ी वापस पटरी पर लौट सके।
मौसम विभाग के डीजीएम चरन सिंह ने हालांकि बताया कि पश्चिमी चक्रवात अब कमजोर हो चला है। फिलहाल इसका असर उत्तरी पश्चिमी भारत पर है। इस समय दिल्ली, यूपी, बिहार, मध्य भारत में धूप होने की वजह से मौसम ठीक है। फिलहाल बारिश की संभावना नहीं है। हालांकि उत्तरी पश्चिमी भारत के पंजाब, हरियाणा, हिमाचल के कुछ भागों में हल्की बारिश हो सकती है। चरन सिंह ने ये भी जोड़ा कि चक्रवात की स्थिति में काफी पहले से पूर्वानुमान लगाना थोड़ा कठिन होता है। फिर भी अगले 3-4 दिन तक बारिश की संभावना नहीं है।