इसरो को मिला अंर्तराष्ट्रीय गांधी शांति पुरस्कार

नई दिल्ली | भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन को वर्ष 2014 के गांधी शांति पुरस्कार के लिए चुना गया। इस संगठन को हाल ही में यह पुरस्कार प्रदान किया गया है। इस पुरस्कार के अंतर्गत 1 करोड़ रूपए नकद, प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में इस पुरस्कार को प्रदान करने के लिए बैठक का आयोजन किया गया। सम्मान के लिए चुने जाने पर इसरो के वैज्ञानिकों ने एक दूसरे को बधाई दी। इस दौरान इसरो सेंटर पर वैज्ञानिकों और अन्य सहायक स्टाफ ने अपनी खुशियां जताई इसरो के इस पुरस्कार के लिए नामित किए जाने के बाद इसरो में काम करने वालों के परिजन भी खुश नज़र आए। मिली जानकारी के अनुसार अंर्तराष्ट्रीय गांधी शांति पुरस्कार भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नाम पर भारत सरकार द्वारा प्रारंभ किया गया है। यही नहीं भारत सरकार ने इस पुरस्कार को 1995 में उनके 125 वें जन्मदिवस के अवसर पर प्रारंभ किया।यही नहीं इस तरह का वार्षिक पुरस्कार सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक बदलावों के क्षेत्र में अहिंसा और गांधीवादी तरीकों से कार्य करने के लिए दिया जाता है। पुरस्कार स्वरूप 1 करोड़ रूपए की धनराशि, प्रशस्तिपत्र और एक उत्तरीय प्रदान की जाती है। दूसरी ओर प्रथम गांधी शांति पुरस्कार 1995 में तंजानिया के प्रथम राष्ट्रपति के जूलियस नायरेरे को दिया गया। वर्ष 2009 में इस तरह का पुरस्कार द चिल्ड्रेन्स लीगल सेंटर को बाल मानवाधिकार के तौर पर दिया गया था।जानकारी के अनुसार अभी तक अंर्तराष्ट्रीय गांधी शांति पुरस्कार प्राप्त करने वालों में तंजानिया के प्रथम राष्ट्रपति जूलियस नायरेरे, सर्वोदय श्रमदान आंदोलन के संस्थापक एटी अरियारत्ने, कोढ़ और पोलियो पर इनके शोध के लिए प्रसिद्ध गोर्हार्ड फिशर, स्वामी विवेकानंद द्वारा स्थापित किए गए रामकृष्ण मिशन को, समाजसेवक बाबा आम्टे, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला आदि शामिल हैं। 

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