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भारत रत्न से सम्मानित हुए अटल बिहारी वाजपेयी

भारत रत्न से सम्मानित हुए अटल बिहारी वाजपेयी
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नई दिल्ली
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को शुक्रवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कृष्ण मेनन मार्ग स्थित उनके घर पर भारत रत्न से सम्मानित किया। भारत रत्न का सम्मान राष्ट्रपति भवन में दिए जाने की परंपरा है, लेकिन बीमारी के चलते राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने प्रोटोकॉल से हटकर उन्हें घर जाकर यह सम्मान दिया। 1998 से 2004 तक देश के प्रधानमंत्री रहे वाजपेयी बीमारी के चलते काफी समय से सार्वजनिक जीवन से दूर हैं। इस ऐतिहासिक मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा गृह मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी व अन्य नेता भी मौजूद थे।वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि राष्ट्रपति भवन की ओर से एक छोटी सी सेरिमनी में वाजपेयी को भारत रत्न से नावाज गया। उन्होंने बताया कि इस मौके पर केंद्रीय कैबिनेट के कई मंत्री, बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, संघ प्रमुख मोहन भागवत भी मौजूद थे।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाजपेयी को भारत रत्न मिलने के दिन को ऐतिहासिक दिन बताया। मोदी ने ट्वीट किया, 'करोड़ों भारतवासियों के लिए आज एक ऐतिहासिक दिन है, जब अटल बिहारी वाजपेयी को भारत रत्न पुरस्कार दिया जाएगा।' उन्होंने प्रोटोकॉल को एक तरफ कर वाजपेयी के निवास पर जाकर उन्हें यह पुरस्कार देने का फैसला करने के लिए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की तारीफ की। मुखर्जी के इस निर्णय पर प्रधानमंत्री ने कहा, ' यह भाव अनुग्रह और गरिमा को दर्शाता है।'ग्वालियर में 25 दिसंबर 1924 को जन्मे वाजपेयी पहले जनसंघ फिर बीजेपी के संस्थापक अध्यक्ष रहे। तीन बार प्रधानमंत्री रहे वाजपेयी देश के ऐसे पहले प्रधानमंत्री बने, जिनका कांग्रेस से कभी नाता नहीं रहा। साथ ही वह कांग्रेस के अलावा के किसी अन्य दल के ऐसे प्रधानमंत्री रहे, जिन्होंने पांच साल का कार्यकाल पूरा किया।राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से गहरे से जुडे होने के बावजूद वाजपेयी की एक धर्मनिरपेक्ष और उदारवादी छवि है। उनकी लोकप्रियता भी दलगत सीमाओं से परे है।करिश्माई नेता, ओजस्वी वक्ता और प्रखर कवि के रुप में प्रख्यात वाजपेयी को साहसिक पहल के लिए भी जाना जाता है, जिसमें प्रधानमंत्री के रुप में उनकी 1999 की ऐतिहासिक लाहौर बस यात्रा शामिल है, जब पाकिस्तान जाकर उन्होंने वहां के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ लाहौर घोषणा पर हस्ताक्षर किए।वाजपेयी और प्रसिद्ध शिक्षाविद् एवं स्वतंत्रता सेनानी महामना मदन मोहन मालवीय को भारत रत्न देने की घोषणा 24 दिसम्बर को की गई थी। इत्तेफाक की बात यह है कि वाजपेयी और मालवीय दोनों का जन्मदिन 25 दिसंबर है। वाजपेयी का जन्म इस तारीख को 1924 में और मालवीय का जन्म 1861 को हुआ था।महामना को मरणोपरांत इस पुरस्कार से सम्मानित किया जा रहा है। उनके परिजनों को 30 मार्च को राष्ट्रपति भवन में यह पुरस्कार दिया जाएगा। वाजपेयी और महामना इस पुरस्कार से नवाजे जाने वाली 44वीं व 45वीं हस्ती हैं।

Updated : 27 March 2015 12:00 AM GMT
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