पेयजल आपूर्ति के नाम पर लाखों का घालमेल

450 नलकूप और 400 टैंकर भी नहीं बुझा पा रहे शहर की प्यास
एक दिन में हो रहा है लगभग 62,420 का भुगतान

राजकुमार शर्मा / शिवपुरी। नवनिर्मित नगर पालिका परिषद से शहर के नागरिकों ने अपेक्षा की थी कि शहर में व्याप्त पेयजल संकट से कुछ हद तक राहत मिलेगी, लेकिन नागरिकों को राहत मिलना तो दूर, जनता के पैसे का नगर पालिका परिषद द्वारा सरेआम दुरुपयोग किया जा रहा है। अल्प वर्षा होने की बजह से शहर में पेयजल संकट की समस्या कोई नई नहीं है। नगर पालिका परिषद द्वारा शासकीय नियमों को ताक पर रखकर मनमाने तरीके से कार्य किया जा रहा है। लाखों रुपए के भुगतान पेयजल की आपूर्ति एवं नलकूपों के संधारण के नाम पर किए जा रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद पेयजल संकट जस का तस बना हुआ है।
फरवरी माह से प्रारंभ की पेयजल आपूर्ति
ग्रीष्म ऋतु में शहर में पेयजल की आपूर्ति अमूमन अप्रैल से बीते कार्यकाल में की गई थी। उससे पूर्व एक मई से पेयजल आपूर्ति प्रारंभ की गई थी, लेकिन वर्तमान नगर पालिका परिषद द्वारा 12 फरवरी से टैंकरों द्वारा शहर में पेयजल आपूर्ति करना प्रारंभ कर दी है। एक वार्ड में प्रतिदिन 10 टैंकरों के मान से पेयजल आपूर्ति की जा रही है, लेकिन शहर में पेयजल संकट की स्थिति जस की तस बनी हुई है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि पेयजल की आपूर्ति कहां पर की जा रही है?
शहर में 480 में से 450 नलकूप चालू
शहर के नागरिकों की प्यास बुझाने के लिए 480 नलकूप हैं, जिनमें से 450 नलकूप चालू हैं, जिनमें शहर के नागरिकों को पेयजल की आपूर्ति आज तक जारी है। ऐसे में नगर पालिका परिषद द्वारा फरवरी माह में ही टैंकरों से पेयजल आपूर्ति करने की आवश्यकता क्यों हो गई? इससे यह तथ्य स्पष्ट रूप से उजागर होता है कि नगर पालिका परिषद द्वारा टैंकरों से आपूर्ति कर घालमेल किया जा रहा है। इतना ही नहीं, चालू नलकूपों के संधारण के नाम पर लाखों रुपए का भुगतान किया जा रहा है।
फिल्टर प्लांट से भी आपूर्ति जारी
वर्षों पूर्व से शहर में पेयजल की आपूर्र्ति बाणगंगा स्थित फिल्टर प्लांट से टंकियों के माध्यम से की जाती थी। आज भी शहर में लगभग 50 प्रतिशत पेयजल की आपूॢत टंकियों के माध्यम से की जा रही है। साथ ही 450 नलकूप भी चालू हालत में हैं। ऐसी परिस्थिति में शहर में पेयजल संकट का होना असंभव प्रतीत होता है, लेकिन इसके बावजूद नगर पालिका परिषद द्वारा टैंकरों से पेयजल की आपूर्ति की जा रही है।
165 रुपए प्रति टैंकर हो रहा है भुगतान
नगर पालिका द्वारा शहर में पेयजल आपूर्ति करने के लिए 165 रुपए प्रति टैंकर के मान से भुगतान होता है। शहर के 39 वार्डों में प्रत्येक वार्ड में 10 टैंकर पेयजल की आपूर्ति की जा रही है। इस प्रकार 1650 रुपए प्रति वार्ड के हिसाब से शहर के 39 वार्डों में प्रतिदिन 62,420 रुपए टैंकरों से पेयजल आपूर्ति पर व्यय किया जा रहा है। इसके बाद भी शहर की जनता प्यासी ही नजर आ रही है।
प्रतिमाह लाखों का व्यय, फिर भी पेयजल संकट
नगर पालिका द्वारा शहर के 39 वार्डों में निवास कर रहे नागरिकों को पेयजल की आपूर्ति सतत रूप से बनाए रखने के लिए लगभग 400 टैंकर पेयजल की आपूर्ति की जा रही है, जबकि शहर में महज तीन हाईडेंट चालू हालत में है। गौरतलब यह है कि तीन हाईडेंटों से 400 टैंकरों को भरा जाना असंभव है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि शहर में 400 टैंकरों को कहां से भरा जा रहा है और इनसे कहां पर जलापूर्ति की जा रही है? 

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