बावडिय़ों को बचाने पहली बार 25 लाख का बजट

ग्वालियर। नगर निगम द्वारा अभी तक प्रस्तुत किए गए बजट में पहली बार शहर की पुरानी बावडिय़ों को बचाने के लिए 25 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है। इन रूपयों का उपयोग बावडिय़ों को संरक्षण कर उन्हें फिर रिचार्ज करने के लिए किया जाएगा । वहीं स्वर्णरेखा और मुरार नदी पर बने बांधों में भरने वाले पानी का उपयोग शहरवासियों के पेयजल के लिए हो सके इसके लिए प्रयास किए जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि स्वदेश ने शहर की पुरानी बावडिय़ों के खत्म होने के कारण गिर रहे भूजलस्तर को लेकर रसातल में पहुंचा भूजलस्तर शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी।
वहीं मुरार नदी पर बने पांच बांधों एवं स्वर्णरेखा नदी पर सिंधिया राजवंश द्वारा बनाए गए छह बांधों को लेकर सूखे बांधों के शहर में झील महोत्सव शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद राजस्व प्रभारी श्रीमती खुशबू गुप्ता ने एमआईसी की बैठक में बावडिय़ों के संरक्षण का मुद्दा उठाया था। वहीं शनिवार को जलकार्य प्रभारी धर्मेन्द्र राणा ने बांधों का मुद्दा उठाया जिसके बाद पहली बार नगर निगम ने अपने बजट में बावडिय़ों के संरक्षण के लिए 25 लाख रुपए का प्रावधान किया।
वहीं बांधों में एकत्रित होने वाले जल का उपयोग शहर की जनता के पेयजल के लिए किया जा सके इसके लिए प्रयास किए जाने पर सहमति बनी। वहीं शहर में बने छह नए वार्डो में नए हैण्डपंप खनन एवं पानी की लाइन बिछाने का भी प्रावधान इस बार के बजट में किए जाने का निर्णय लिया गया है।

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