पांच और मरीजों को स्वाइन फ्लू, तीन जूनियर चिकित्सक भी हुए शिकार

ग्वालियर। चिकित्सा शिक्षा द्वारा संचालित अस्पतालों की रीढ़ कहे जाने वाले जूनियर चिकित्सक इन दिनों अव्यवस्थाओं का शिकार हो रहे हंै। यही कारण है कि अब तक जयारोग्य अस्पताल के तीन जूनियर चिकित्सकों एवं एक जूनियर चिकित्सक के बेटे को स्वाइन फ्लू होने की पुष्टि की जा चुकी है। इन घटनाओं को लेकर जूनियर चिकित्सकों में भारी रोष है। शुक्रवार को पांच रोगियों को स्वाइन फ्लू होने की पुष्टि की गई। इसके साथ ही शुक्रवार को आठ और नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं।
उल्लेखनीय है कि प्रतिदिन स्वाइन फ्लू संक्रमित रोगियों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है इसकी जांच डीआरडीई द्वारा की जा रही है। जानकारी के अनुसार गुरुवार को भेजे गए आठ नमूनों में से पांच रोगियों को स्वाइन फ्लू होने की पुष्टि की गई। इसमें जयारोग्य अस्पताल के पीजी हॉस्टल निवासी डॉ.मोहसिन खान उम्र 27 वर्ष, आमखो निवासी एवं जेडीए अध्यक्ष डॉ.गिरीश चतुर्वेदी के बेटे अयान चतुर्वेदी उम्र 14 माह, विनय नगर निवासी शुरु कुमारी उम्र 55 वर्ष, भिण्ड दबोह निवासी दीपक कौरव उम्र 26 वर्ष को जयारोग्य अस्पताल में भर्ती है जबकि मुरार निवासी कमलादेवी उम्र 47 वर्ष बिरला अस्पताल में भर्ती है।
जांच न होने से जूनियर चिकित्सकों में रोष
जूनियर चिकित्सकों में स्वाईन फ्लू की जांच न करने को लेकर भारी रोष व्याप्त है क्योंकि शुक्रवार को जांच रिपोर्ट में स्वाइन फ्लू संक्रमित आए बच्चे की माँ जूनियर चिकित्सक की जांच नहीं की गई थी। बताया जा रहा है कि बच्चे को संक्रमण उसकी मां से ही फैला है।
बच्चे के माता-पिता दोनों की होगी जांच
14 माह के अयान चतुर्वेदी को स्वाइन फ्लू की पुष्टि होने के बाद उसके माता-पिता दोनों की स्वाइन फ्लू की जांच कराई जाएगी। क्योंकि दोनों ही नेत्ररोग विभाग में जूनियर चिकित्सक हं।

इनका कहना है
जूनियर चिकित्सक एवं जूनियर चिकित्सक के बेटे की संक्रमण की जानकारी मिलते ही उनका उपचार नियमानुसार चालू कर दिया है और चिकित्सा शिक्षा स्टाफ को स्वाइन फ्लू वैक्सीन लगाने के लिए डिमाण्ड भेजी जा चुकी है।
डॉ.जी.एस.पटेल
अधिष्ठाता, गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय
जूनियर चिकित्सकों की स्वाइन फ्लू के बचाव वाली वैक्सीन नहीं लगाई गई है और न ही अस्पताल में पर्याप्त व्यवस्था है जिससे हम अपना बचाव कर सकें। शासन को ऐसी व्यवस्थाएं तो करनी ही चाहिए जिससे हमें उपचार करते समय संक्रमण का खतरा न हो।
डॉ.गिरीश चतुर्वेदी
जेडीए अध्यक्ष, गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय

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