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दिल्ली पहुंचा बिहार का सियासी घमासान

दिल्ली पहुंचा बिहार का सियासी घमासान
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नई दिल्ली। बिहार में मचा राजनीतिक सियासी घमासन अब राष्ट्रीय राजधानी पहुंच गया है। जनता दल (यूनाइटेड) विधायक दल के नवनिर्वाचित नेता नीतीश कुमार ने अपने समर्थक विधायकों के साथ दिल्ली में डेरा डाल दिया है।
जद (यू) के महासचिव क़े सी़ त्यागी ने कहा कि राष्ट्रपति भवन से शाम सात बजे मिलने का समय मिला है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के समक्ष बहुमत की सरकार बनाने का दावा पेश किए 48 घंटे से ज्यादा का समय गुजर गया है, लेकिन अब तक इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। अब राष्ट्रपति से गुहार लगाई जाएगी। उन्होंने बताया कि नीतीश के साथ जद (यू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद भी राष्ट्रपति से मुलाकात करने राष्ट्रपति भवन जाएंगे। ऐसी अटकले भी है कि समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया मुलायम सिंह यादव भी साथ हो सकते हैं।
इधर, जद (यू) का अंतर्कलह अब पटना से निकलकर दिल्ली पहुंच गया है। नीतीश के समर्थक विधायकों को ग्रेटर नोएडा के विभिन्न होटलों में ठहराया गया है। शाम को सभी विधायकों को बस से राष्ट्रपति भवन ले जाया जाएगा। इससे पहले इन सभी विधायकों को मंगलवार शाम विमान से दिल्ली ले जाया गया है। नीतीश कुमार के समर्थक 130 विधायकों में जद (यू) के 99, राजद के 24, कांग्रेस के पांच, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के एक और एक निर्दलीय विधायक शामिल हैं। 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में वर्तमान समय में 10 सीट रिक्त है। बहुमत साबित करने के लिए कुल 117 विधायकों की आवश्यकता है। वैसे अब इंतजार है कि राष्ट्रपति से मुलाकात करने के बाद क्या होगा ?
वहीं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की बिहार इकाई के वरिष्ठ नेताओं की एक बैठक पटना में हुई, जिसमें बिहार की ताजा राजनीतिक घटनाओं पर चर्चा की गई। सूत्रों के अनुसार, बैठक में अधिकतर नेता-विधायक मांझी को समर्थन देने के पक्ष में हैं। इससे पहले दिल्ली जाने के क्रम में मंगलवार को पटना हवाई अड्डे पर नीतीश ने कहा, ''राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किए 24 घंटे से ज्यादा का समय गुजर गया, लेकिन अब तक राज्यपाल ने कोई निर्णय नहीं लिया है। राज्यपाल का विलंब माहौल प्रदूषित कर रहा है। अब विधायक राष्ट्रपति के पास जा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि नीतीश सोमवार को 130 विधायकों के साथ पैदल मार्च करते हुए राजभवन पहुंचे थे और राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया था। इधर, मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने भी सोमवार को राज्यपाल से मिलकर बहुमत साबित करने की बात कही थी। मुख्यमंत्री का पद छोड़ने से इंकार करने वाले मांझी को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने के लिए जद (यू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पार्टी से निष्कासित कर दिया है। मांझी को रविवार को ही पार्टी विधायकों की बैठक में जद (यू) विधायक दल के नेता पद से बर्खास्त कर दिया गया है । बिहार विधानसभा के अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने विधायक दल के नवनिर्वाचित नेता नीतीश कुमार को नेता के रूप में मान्यता अधिसूचित कर दी है ।

Updated : 11 Feb 2015 12:00 AM GMT
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