अब नहीं होगी अभियाचित बैठक!

प्रशासनिक स्तर पर रुके हुए थे काम४ दस को होगा साधारण सम्मेलन
ग्वालियर, वरिष्ठ संवाददाता। नगर निगम परिषद की अभियाचित बैठक बुलाए जाने का मामला लगभग टल गया है। विगत दिवस अपर आयुक्तों व क्षेत्राधिकारियों (जेडओ) के साथ पार्षदों की क्षेत्रवार अलग-अलग हुई बैठकों में विभिन्न क्षेत्रों में लम्बे समय से लटके पड़े कामों को शुरू किए जाने का आश्वासन मिलने के बाद फिलहाल यह विवाद थम गया है।
उल्लेखनीय है कि अपने -अपने क्षेत्रों में काम नहीं होने से परेशान 22 पार्षदों ने विभिन्न बिन्दुओं को लेकर अभियाचित बैठक बुलाने के लिए पत्र सभापति राकेश माहौर को सौंपा था, चूंकि यह पत्र निगम में सत्तारूढ़ भाजपा पार्षदों की ओर से दिया गया था, इसलिए हड़कम्प के साथ ही विवाद की स्थिति बन गई थी। इसके बाद जब अलग-अलग क्षेत्रों के अपर आयुक्तों के साथ ही क्षेत्राधिकारियों की बैठक हुई तो यह विवाद लगभग निपट गया। अब यह कयास लगाए जा रहे हैं कि शायद पार्षद अभियाचित बैठक बुलाने की अपनी जिद छोड़ दें।
26 नवम्बर को ही हो गई थी साधारण सम्मेलन की घोषणा
बताया जाता है कि पार्षदों द्वारा अभियाचित बैठक के लिए पत्र सौंपे जाने से पहले 26 नवम्बर को ही महापौर ने आगामी 10 दिसम्बर को होने वाले नगर निगम परिषद के साधारण सम्मेलन की घोषणा कर दी थी, इसके चलते पार्षदों द्वारा अभियाचित बैठक बुलाने सम्बन्धी पत्र दिए जाने का कोई औचित्य नहीं था।
हालांकि पार्षदों की यह शिकायत भी सही थी कि उनके काम नहीं हो रहे, जिससे वे परेशान हैं। निगम प्रशासन स्तर पर रुके हुए थे काम
यूं तो अभियाचित बैठक विपक्षी पार्षदों के आग्रह पर ही बुलाई जाती है लेकिन इस बार परिषद में विपक्ष काफी कमजोर होने के कारण अपने इस हथियार का प्रयोग नहीं कर पा रहा है, क्योंकि उसके पास इसके लिए पर्याप्त (22)संख्या बल नहीं है। लेकिन स्थिति इसलिए बिगड़ गई क्यों कि काम नहीं होने से सत्तापक्ष के पार्षद भी परेशान थे। उनका आरोप था कि निगम में उनका बहुमत होने के बावजूद भी उनकी सुनवाई नहीं हो रही। इससे नाराज पार्षदों को एक यही रास्ता दिखाई दिया। इस स्थिति को संभालने के लिए महापौर ने पार्षदों को समझाइश दी लेकिन वर्कऑर्डर हो जाने के बावजूद काम नहीं होने, अधिकारियों द्वारा फाइलें लटकाए रखने और ठेकेदारों द्वारा काम नहीं किए जाने से परेशान पार्षद नहीं माने। पार्षदों का आरोप था कि अधिकारी उनकी नहीं सुन रहे स्थिति यह है कि उनके मौलिक निधि से होने वाले काम भी अटके हुए हैं जिसके चलते वह जनता का सामना नहीं कर पा रहे। सूत्र बताते हैं कि यह स्थिति तत्कालीन निगमायुक्त अजय गुप्ता के समय से बनी हुई थी।
दो बिन्दुओं को लेकर अब भी संशय
पार्षदों द्वारा अभियाचित बैठक के लिए दिए गए पत्र में अन्य अधिकांश समस्याओं का समाधान तो कर दिया गया है लेकिन अब भी दो बिन्दुओं को लेकर समस्या बनी हुई है। इसमें ई-टेंडरिंग और शामिल हैं, लेकिन इसे लेकर पार्षदों को समझाइश दे दी गई है। इसलिए फिलहाल विवाद टल गया है फिर भी इसके आगे उठने की संभावना है।
और बन गई बात
इसके बाद जनकार्य प्रभारी सतीश बोहरे, महापौर परिषद सदस्य नीलिमा शिन्दे के साथ ही अलग-अलग क्षेत्रों के अपर आयुक्तों और क्षेत्राधिकारियों के साथ ही पार्षदों की बैठक में अधिकारियों को यह अल्टीमेटम दिया गया कि पानी, सफाई, सड़क जैसे जो भी कार्य रुके हुए हैं उन्हें तुरंत शुरू कराया जाए। इनमें वह काम भी प्राथमिकता से कराए जाएं जिनके कि वर्कऑर्डर हो गए हैं, भुगतान नहीं होने के कारण ठेकेदार काम नहीं कर रहे, वहीं मौलिक निधि के कार्य भी ना रोके जाएं। इस बैठक के बाद फिलहाल पार्षद संतुष्ट हो गए हैं।
तीन दिन में होंगे ग्रामीण क्षेत्रों के काम
ग्वालियर, पूर्व और दक्षिण क्षेत्र के पार्षदों को संतुष्ट करने के बाद सोमवार को प्रभारी अधिकारी उपायुक्त जेएन पारा के साथ ग्रामीण क्षेत्र के पार्षदों की बैठक हुई। इसमें पांच क्षेत्रीय कार्यालयों से जुड़े 6 पार्षद उपस्थित थे। इन सभी पार्षदों ने अपनी-अपनी समस्याएं बताईं। उनका कहना था कि ग्रामीण क्षेत्र होने के कारण उनके यहां पानी, बिजली, सफाई,सीवर जैसी समस्याएं विकराल रूप लिए हुए हैं। स्थिति यह है कि पानी और सीवर की तो लाइन तक नहीं है। लेकिन अन्य साधनों से भी पूर्ति नहीं की जा रही। ठेकेदारों का भुगतान नहीं होने के कारण भ्ज्ञी काम रुके हुए हैं। वहीं हमने भी जिन कामों के प्रस्ताव रखे हैं उन पर काम नहीं हो रहा। इस पर सभी अधिकारियों को श्री पारा ने निर्देश दिए कि तीन दिन में ऐसे सभी काम हर हाल में शुरू किए जाएं जो जिनमें वर्क ऑर्डर हो गए हैं। बैठक में जेडओ प्रदीप चतुर्वेदी, सहायक सम्पत्तिकर अधिकारी जयंतीलाल जाटव, शशिकांत नायक तथा पीएचई के इंजीनियर उपस्थित थे।
ब्लैक लिस्टेड किए जाएं ठेकेदार
बैठक में यह सख्त निर्देश दिए गए कि जिन कामों के लिए वर्क ऑडर हो गए हैं और ठेकेदारों की लापरवाही के कारण लम्बे समय से अटके पड़े हैं उन्हें तुरंत शुरू कराया जाए। यदि ठेकेदार तीन दिन में काम शुरू नहीं करते तो उन्हें ब्लैक लिस्टेड कर दिया जाएगा।
अब आगे क्या
पार्षदों द्वारा अभियाचित बैठक के लिए सभापति को दिया गया पत्र पार्षद इस टीप के साथ वापस ले सकते हैं कि चूंकि पत्र में दिए गए बिन्दुओं (समस्याओं)का समाधान हो गया है, इसलिए वे अभियाचित बैठक नहीं चाहते।
साधारण सम्मेलन के मुख्य बिन्दु
*एक दिन छोड़कर पेयजल आपूर्ति पर चर्चा
*जल कर माफ सम्बन्धी पत्र
*सीवर सक्शन मशीन खरीदने पर चर्चा
* महापुरुषों की प्रतिमाएं लगाने का मामला
इन्होंने कहा
निगम परिषद का साधारण सम्मेलन 10 दिसम्बर को होना है। जहां तक अभियाचित बैठक को लेकर पार्षदों द्वारा सौंपे गए पत्र की बात है तो पार्षदों के काम होने का उन्हें भरोसा दिलाया गया है। अब पार्षद अभियाचित बैठक नहीं कराने के लिए पत्र सौंप सकते हैं।
राकेश माहौर, सभापति, नगर निगम
आज ग्रामीण क्षेत्र के हम सभी पार्षदों के साथ जेड ओ और क्षेत्रीय अधिकारी की बैठक में हमारे रुके हुए काम तीन दिन में कराए जाने के निर्देश दिए गए हैं। यदि ऐसा नहीं होता तो ठेकेदारों को ब्लैक लिस्टेड किया जाएगा और सभी काम कराए जाएंगे।
गीता भूपेन्द्र कुशवाह, पार्षद वार्ड 65
