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रिश्वत लेते पकड़ाया मत्स्य अधिकारी

लोकायुक्त पुलिस ने ऑफिस में की कार्रवाई

अशोकनगर | मत्स्य विभाग के सहायक संचालक 25 हजार रुपये की रिश्वत लेते पकड़े गए। उन्हें लोकायुक्त पुलिस ने तायडे कालोनी स्थित ऑफिस में रुपये लेते उस समय रंगे हाथ पकड़ लिया है जब वे मछुआ समिति के अध्यक्ष से काम के बदले रुपये ले रहे थे।
मंगलवार दोपहर को हुई इस कार्रवाई से मत्स्य विभाग के बाहर लोगों की भीड़ जुट गई थी। इस संबंध में बताया गया है कि मत्स्य विभाग में सहायक संचालक धारा सिंह मीना पदस्थ हैं उन्होंने मछुआ समिति के अध्यक्ष टीकराम केवट से मछली पकडऩे के लिये तालाब को लीज पर देने के एवज में 50 हजार रुपए की मांग की थी। इस के लिये मत्स्य अधिकारी टीकाराम को लम्बे समय तक परेशान करते रहे। इसके बाद में मत्स्य अधिकारी और मछुआ समिति के बीच 50 हजार रुपये की बात हुई जिसमें 25 हजार रुपये अभी और 25 हजार रुपये मछली पकडऩे के बाद देना तय हुआ। जब मीना बिना रिश्वत लिये काम करने को तैयार नही हुए तो टीकाराम ने इसकी शिकायत ग्वालियर लोकायुक्त में कर दी। लोकायुक्त की टीम ने इस शिकायत पर अपना जाल बिछाना शुरू कर दिया। शुरुआती दौर में टीकाराम और सहायक संचालक मीना के बीच की मोबाइल बातचीत को रिकॉर्डिंग किया गया। जब टीकाराम रुपए की पहली किश्त 25 हजार रुपए देने पंहुचा तो रिश्वत लेते हुये ग्वालियर लोकायुक्त की टीम ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया। यह कार्रवाई लोकायुक्त पुलिस के डीएसपी धर्मवीर सिंह भदौरिया, निरीक्षक कविन्द्र सिंह चौहान सहित 5 सदस्यों की टीम ने की।
अपने को निर्दोष बताते रहे मीना:
इस संबंध में मत्स्य अधिकारी मीना स्वयं को निर्दोष बताते रहे। उनकी लोकायुक्त टीम से बहस भी होती रही। मीना ने बताया कि उन्हें फंसाया जा रहा है। लोकायुक्त की कार्रवाई के बाद लग रहा है कि प्रदेश में लगातार कार्रवाई जारी हैं इसके बावजूद भी भ्रष्ट अधिकारी अपने कारनामों से बाज नहीं आ रहे हैं।

Updated : 30 Dec 2015 12:00 AM GMT
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