आरक्षक के परिवार को पुलिस अधीक्षक ने दिया सहयोग

कहा-बच्चें की शिक्षा का खर्च मैं स्वयं वहन करूंगा
शिवपुरी। आरक्षक लाऊराम भगत पिछले डेढ़ वर्ष से लापता है जिसकी काफी खोजबीन की गई, लेकिन कोई सुराग नहीं लग सका। इस कारण उसकी पत्नी एवं बच्चे खर्चे से भी मोहताज हैं और ऊपर से बीते रोज पुलिस विभाग द्वारा शासकीय क्वार्टर खाली कराने के लिए नोटिस भी थमा दिया था जिससे लाऊराम की पत्नी काफी परेशान हो गई और इस परेशानी से निपटने के लिए एक आवेदन के माध्यम से पुलिस अधीक्षक मो. यूसुफ कुरैशी के यहां गुहार लगाई और कहा कि मेरे दो बच्चे हैं इनके भरण पोषण के लिए कोई आय का साधन भी नहीं है। मेरे पति भी डेढ़ वर्ष लापता हैं इसके बाद भी पुलिस विभाग ने मुझे क्वार्टर खाली कराने के लिए नोटिस थमा दिया है।
आरक्षक की पत्नी की इस गुहार को सुनकर पुलिस अधीक्षक ने मानवीयता का परिचय देते हुए बच्चों के भरण-पोषण के लिए तत्काल पुलिस लाइन से 30 हजार रु. की आर्थिक मदद की एवं महिला को आश्वासन दिया कि दोनों बच्चों की शिक्षा के लिए जो भी खर्चा आएगा उसका पूरा निर्वहन मैं स्वयं करूंगा।
जैसा कि विदित है कि शिवपुरी के देहात थाना से खनियांधाना स्थानांतरण के महज 20 दिन बाद 8 अगस्त 2014 को आरक्षक लाऊराम भगत अचानक गायब हो गया, जिस पर पत्नी गायत्री भगत का कहना है कि 8 अगस्त को उसकी उसके पति से अंतिम बार मोबाइल से बात हुई थी।
गायब आरक्षक की पत्नी का कहना है कि पुलिस की तो छोड़ें उसके ससुराल और मायकेवाले उसकी मदद नहीं कर रहे। अब वह आरक्षक के वापस आने की उम्मीद छोड़ चुकी है ओर पुलिस विभाग से पेंशन या नौकरी मांग रही है। जिले में इतनी सारी पुलिस फोर्स होने के बाद भी मेरे पति को तलाश नहीं कर पा रही है। मेरे पति को जमीन निगल गई या आसमान खा गया। आरक्षक पत्नी को कहना है कि मुझे अब अंतिम आस जिले के एसपी हैं अभी उन्होंने मुझे खर्चे के पैसे दिए और हरसंभव मदद करने को कहा है। पुलिस अधीक्षक ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए उसके परिवार एवं बच्चों की शिक्षा और भरण-पोषण की जिम्मेदारी ली है।