जांच रिपोर्ट जिलाधीश को सौंपते ही मामला कोतवाली में पहुंचा
शिवपुरी। नगर पालिका अध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह के विरुद्ध बीपीएल राशनकार्ड मामले में एसडीएम नीतू माथुर ने अपनी जांच पूर्ण कर ली है और बताया जाता है कि जांच रिपोर्ट जिलाधीश राजीव दुबे को सौंप दी। यह तो आधिकारिक रूप से स्पष्ट नहीं हो सका कि जांच रिपोर्ट में एसडीएम ने क्या अनुशंसा की है और किस निष्कर्ष पर वह पहुंची हैं, लेकिन सूत्र बताते हैं कि मुन्नालाल के खिलाफ बीपीएल और एपीएल दो राशनकार्ड होने का मामला प्रमाणित हुआ है। वहीं नपाध्यक्ष कुशवाह यह भी सिद्ध नहीं कर पाए कि उन्होंने अपना बीपीएल राशन कार्ड 2008 में सरेंडर कर दिया था। इस बाबत नगर पालिका के तत्कालीन कर्मचारी श्री त्रिपाठी के बयान भी उनके पक्ष में नहीं हुए लेकिन आज रात्रि में नपाध्यक्ष के खिलाफ कोतवाली में मामला दर्ज होने पर इस बात को मजबूती मिली है कि श्री कुशवाह जांच रिपोर्ट में दोषी पाए गए हैं।
भाजपा नेता भानु दुबे ने एसडीएम को दिये बयान में बताया कि 9 अप्रैल 2008 के पूर्व भी मुन्नालाल का बीपीएल राशनकार्ड अवैधानिक तरीके से था क्योंकि 2005 में उनके पास बजाज मोटर साइकिल थी और मोटर साइकिल धारक होने के बाद वह बीपीएल राशनकार्ड के पात्र नहीं हैं। इस मामले में दस्तावेजों में छेड़छाड़ के आरोप भी प्रमाणित पाये गए। सूत्रों के अनुसार एसडीएम ने मुन्नालाल के विरुद्ध कार्यवाही की अनुशंसा की है और मुन्नालाल के विरुद्ध एफआईआर दर्ज होने के पूरे आसार नजर आ रहे हैं।
मुन्नालाल किसी भी दृष्टि से दोषमुक्त नहीं: दुबे
इस मामले में नपाध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह के खिलाफ एसडीएम कोर्ट में बयान दर्ज कराने वाले पूर्व नपा उपाध्यक्ष और पार्षद भानु दुबे के अनुसार इस मामले में किसी भी कोण से नपाध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह को दोषमुक्त नहीं ठहराया जा सकता। श्री दुबे ने एसडीएम न्यायालय में बयान दिये कि नपाध्यक्ष के इशारे पर नगर पालिका के रिकार्ड में छेड़छाड़ की गई। उनकी बात यदि मान लें कि 9 अप्रैल 2008 के बाद उन्होंने बीपीएल होने का कभी लाभ नहीं उठाया तो भी वह बेदाग नहीं है। श्री कुशवाह के पास 2005 में बजाज मोटर साइकिल थी और मोटर साइकिल धारक बीपीएल सूची में नहीं आ सकता। इस कारण 2008 के पहले मुन्नालाल का बीपीएल होना भी पूरी तरह अवैधानिक है। श्री दुबे के अनुसार मुन्नालाल के विरुद्ध धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया जाना चाहिए।
मुन्नालाल को पद से हटाया जाए: राठौर
भाजपा नेता और नपाध्यक्ष चुनाव में मुन्नालाल के विरुद्ध खड़े हुए भाजपा प्रत्याशी हरिओम राठौर ने एसडीएम कोर्ट में बयान दिया है कि नपाध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह के खिलाफ न केवल धोखाधड़ी का मामला कायम हो बल्कि उन्हें पद से भी हटाया जाए क्योंकि पद पर रहते हुए वह जांच को प्रमाणित कर सकते हैं। जैसा कि उन्होंने बीपीएल राशनकार्ड सूची में काट-छांट कर किया है। इस आरोप में भी उन पर भादवि की धारा 467, 468 और 471 का मामला कायम किया जाए।
नपा कर्मचारी के बयान से भी मुन्नालाल को राहत नहीं
नपाध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह ने बयान दिया था कि उन्होंने अपना नाम बीपीएल सूची से काटे जाने के लिए 9 अप्रैल 2008 को नपा में आवेदन दिया था और उस आवेदन पर नपा कर्मचारी श्री त्रिपाठी के हस्ताक्षर है।
लेकिन नपा के तत्कालीन कर्मचारी श्री त्रिपाठी ने अपने बयान में बताया कि यदि मुन्नालाल ने राशन कार्ड उनके पास जमा किया होता तो वह रिकार्ड में होता। उनके अनुसार उन्हें ध्यान नहीं है कि मुन्नालाल ने बीपीएल सूची में काटे जाने के लिए उन्हें आवेदन दिया।