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जांच पुलिस व मेेनिट प्रबंधन के बीच अटकी

भोपाल। मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (मेनिट) में 2011 में हुए डेढ़ करोड़ के किताब घोटाले की जांच पुलिस की फाइल और मेनिट प्रबंधन की लापरवाही के बीच अटकी हुई है।
बता दें कि जांच के दायरे में संस्थान के 11 प्रोफेसर्स आ रहे हैं। बीते चार साल में किताब घोटाले को दबाने के हरसंभव प्रयास किये गये हैं, लेकिन किताब घोटाले की शिकायत मानव संसाधन विकास मंत्रालय से कराने के बाद हुई जांच में घोटाले की पुष्टि हो गई। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के दबाव में मामले को पुलिस को सौंप दिया गया।
पुलिस ने तीन माह पहले जांच को दिशा देने के लिए मेनिट निदेशक से 26 बिन्दुओं पर जानकारी मांगी थी, लेकिन अब तक संस्थान ने यह जानकारी पुलिस को उपलब्ध नहीं करवाई है, जिससे जांच ही अटक गई है। संस्थान के निदेशक अप्पु कुट्टन अपने को बीमार बता रहे हैं। मेनिट के निदेशक अप्पु कुट्टन का कहना है कि दो माह से बीमार होने के कारण ड्यूटी पर नहीं आ रहा था। अभी चार्ज संभाला है। इस संबंध में जानकारी जल्द दे दी जाएगी।
मामला यह है कि साल 2011 मे मेनिट की लाइब्रेरी से करीब डेढ़ करोड़ की किताबें एक निजी इंजीनियरिंग कॉलेज में रखवा दी गई थी। मेनिट प्रबंधन को इस मामले में मानव संसाधन विकास मंत्रालय से पत्र प्राप्त हुआ है। जिसके मुताबिक मेनिट की लाइब्रेरी से 1 करोड़ 39 लाख की करीब 32 हजार किताबें चोरी के मामले में 11 प्रोफेसर्स के नाम इस जांच में सामने आए हंै। जांच के बाद तात्कालीन लाइब्रेरी प्रबंधक और एक प्रोफेसर के खिलाफ तो कमला नगर थाने में नामजद एफआईआर भी दर्ज कराई गई थी। हालांकि, इस मामले में पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।

Updated : 27 Dec 2015 12:00 AM GMT
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