प्लांट प्रारम्भ होने से रोजगार के अवसर मिलेंगे: विजय

ग्राम कालीतलाई में दलिया प्लांट का शुभारंभ


श्योपुर। श्योपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक दुर्गालाल विजय ने कहां है कि ग्राम विकास की अवधारणा को साकार करने के लिये हमें ग्रामीण क्षेत्र में ही रोजगार के साधन विकसित करने होंगे। वे आज आदिवासी विकासखण्ड कराहल में प्रेस क्लब श्योपुर द्वारा गोद लिये गये ग्राम ग्राम कालीतलाई में स्वसहायता समूहों के माध्यम से संचालित दलिया प्लांट के शुभारंभ समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।
विधायक विजय ने कहा की दलिया प्लांट के शुभारंभ के साथ साथ ग्राम वासियों को बिजली की सौगात भी मिली है। उन्होने आवश्यक्ता जताई कि दलिया प्लंाट में निर्मित दलिया उत्पाद के उचित मार्केटिंग की व्यवस्था करनी होगी तथा खरीद, खर्च एवं विक्रय में समन्वयता बनानी होगी। कलेक्टर सोलंकी ने कहा कि समूह के माध्यम से 10 वर्ष से बंद पड़े दलिया प्लांट को पून: प्रारंभ किया गया है।
उन्होंने कहा कि समूह के माध्यम से ही कराहल के आदिवासी ग्रामों में सिचाई हेतु कृषकों के समूह बनाये गए हैं तथा समूह में सिचाई करने की अवधारणा से लोगो को अवगत कराया जा रहा है। पुलिस अधीक्षक एस.के. पाण्डेय एवं वनमण्डलाधिकारी निनामा द्वारा भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया गया।
प्रेस क्लब के अध्यक्ष अखिल भदौरिया ने बताया कि कालीतलाई गांव में आदिवासियों के विकास के लिए प्रेस क्लब द्वारा चलाये गये अभियान में आदिवासी बच्चों को शिक्षा एवं उनके स्वास्थ्य एवं स्वच्छता पर भी विशेष ध्यान दिया जायेगा इस दौरान कार्यक्रम में उपस्थित बच्चों के अभिभावकों को समझाइश दी गई की प्रतिदिन स्वच्छ वातावरण में बच्चों को विद्यालय भेजा जाए। कार्यक्रम का संचालन एन.आर.एल.एम. के जिला समन्वयक डॉ शेलेन्द्र सिंह सिसोदिया ने किया। इस अवसर पर वनमण्डलाधिकारी सी.एस. निनामा, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत डॉ राहूल हरिदास, भाजपा जिला अध्यक्ष महावीर सिंह सिसोदिया, महामंत्री अरुण ओसवाल, प्रेस क्लब के अध्यक्ष अखिल भदौरिया, सहरिया विकास अभिकरण के पूर्व अध्यक्ष सीताराम आदिवासी सहित विभिन्न सामाजिक संस्थाओ के प्रतिनिधि, जनप्रतिनिधि एवं अधिकारीगण एवं स्वसहायता समूह की महिलाये ग्रामीण जन उपस्थित थे।
96 महिलाएं संभालेंगी दलिया प्लांट की जिम्मेदारी
ग्राम कालीतलाई में दलिया प्लांट की स्थापना वर्ष 2005 में तत्कालिन कलेक्टर के.एस. मारण की विशेष प्रयासो के चलते हुयी थी। स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना के तहत पांच समूहों का गठन कर 55 महिलाओं को तब इससे जोड़ा गया था तथा 10 लाख रुपये की लागत से एम.पी.ऐग्रो के माध्यम से प्लांट की स्थापना की गई थी। इसमें निर्मित दलिये की सप्लाई आंगनबाड़ी केन्द्रों पर की जाती थी किन्तु ग्राम में लाईट नहीं होने से प्लांट को बड़े जनरेटर से चलाना पड़ता था जिस कारण लागत मूल्य अधिक आता था । इसी के चलते एक डेढ़ वर्ष में ही प्लांट बंद हो गया ओर तब से ही प्लांट बंद पडा हुआ था। वर्तमान में ग्राम में बिजली पहुचने पर प्लांट को फिर से प्रारंभ कराया गया है। अब इसमें 8 समूहों की 96 महिलाओं को शामिलल किया गया है।

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