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रेत, गिट्टी, खण्डा के बिना कैसे करें निर्माण

सरपंचों ने रखी समस्या


ग्वालियर। जनप्रतिनिधि जब जनहित के कार्यों को करने का प्रयास करते हैं तो उसमें नौकरशाही रोड़ा बनकर खड़ी हो जाती है, जिससे वह जनहित के कार्य करने में अपने आपको असहाय महसूस करते हैं। इसी तरह का एक मामला तब देखने में आया, जब डबरा विकासखंड की ग्राम पंचायतों के जनप्रतिनिधियों ने मिलकर जिला पंचायत कार्यालय में मुख्य कार्यपालन अधिकारी नीरज कुमार सिंह के सामने अपनी समस्याओं रखी, लेकिन यहां से उन्हें कोई संतोष जनक जबाव नहीं मिला।
जानकारी के अनुसार डबरा जनपद अध्यक्ष सीमा परिहार के साथ डबरा विकासखंड की सभी ग्राम पंचायतों के सरपंचों ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी के सामने अपनी समस्या रखते हुए बताया कि निमार्ण कार्य के लिए बाहर से ट्रैक्टर के माध्यम से रेत, मुरम, गिट्टी, मिट्टी, पत्थर, खण्डा आदि मंगवाना होते हैं। जब यह सामग्री लेकर ट्रैक्टर वाले आते हैं तो उन्हें पुलिस व प्रशासन द्वारा परेशान किया जाता है। सामग्री से भरे टै्रक्टरों को पुलिस, तहसीलदार एवं एसडीएम पकड़ लेते हैं और उन पर हजारों रुपए का जुर्माना ठोक दिया जाता है।
उन्होंने बताया कि जितने का कार्य नहीं होता, उतना पैसा ट्रैक्टर छुड़ाने के लिए देना पड़ रहा है। यदि यही हाल रहा तो फिर विकास कार्य कैसे होंगे। एक ओर आप लोग योजनाओं को पूर्ण करने का दबाव बनाते हैं तो दूसरी ओर प्रशासन ही योजनाओं के बीच में रोड़ा बनकर खड़ा हो जाता है। इस सबंध में सभी ग्राम पंचायतों के सरपंचों ने मिलकर मुख्य कार्यपालन अधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा। इस पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी नीरज कुमार सिंह ने डबरा एसडीएम से बात करने को कहा।
छह ट्रैक्टरों पर ढाई लाख का जुर्माना
ग्राम पंचायत वघे के पूर्व सरपंच संतोष सिंह जाट ने बताया कि उनके गांव से छह खाली ट्रैक्टर-ट्रॉली पकड़ कर थाने में खड़े कर दिए गए और आरोप लगाया गया कि यह ट्रैक्टर मुरम का उत्खनन कर रहे थे। उक्त ट्रैक्टरों पर दो लाख चालीस हजार रुपए का जुर्माना लगा दिया गया है।
ज्ञापन के माध्यम से चाही जानकारी
सभी ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधियों द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी से चार बिुन्दुओं पर स्पष्ट मत जानने का प्रयास किया है।
2 मनरेगा अथवा पंचायत के कार्यों के लिए खदानों से सामग्री लेने की छूट है या नहीं।
2 जनहित के कार्यों में मुरम, गिट्टी, खण्डा, रेत व मिट्टी पर रायल्टी देना है या नहीं।
2 यदि सामग्री उठाने की अनुमति लेना है तो कौन देगा और किस प्रकार मिलेगी।
2 यदि खदानों से ली गई सामग्री पर रॉयल्टी देय है तो कार्य के प्राक्कलन में रॉयल्टी क्यों नहीं जोड़ी जा रही।
इन स्थानों के पहुंचे जनप्रतिनिधि
ग्राम पंचायत मकोड़ा, टेकनपुर, जतरथी, चिरपुरा, सलवाई, सूखापठा, मेहगांव, वघे, इकोना सहित अन्य पंचायतों के जनप्रतिनिधि पहुंचे। इन सभी जनप्रतिनिधियों ने पुलिस, तहसीलदार व एसडीएम पर अवैध वसूली का आरोप लगाया।
यदि उन्होंने जनहित के कार्यों के लिए जीरो रॉयल्टी पर खनन लिया है तो क्यों कार्रवाई होगी। यदि अवैध उत्खनन हो रहा है तो जुर्माना देना होगा।
नीरज कुमार सिंह
मुख्य कार्यपालन अधिकारी
जिला पंचायत ग्वालियर

Updated : 23 Dec 2015 12:00 AM GMT
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