पुत्री की गुहार,पिता मौत से जूझ रहे हैं, कैसे चुकाएं कर्ज

दो लाख का कर्ज १० वर्ष में हुआ १२ लाख
शिवपुर। पिता को दिल की बीमारी है और उनके पास कोई काम भी नही है बड़ी मुश्किल से परिवार का गुजारा हो रहा है। ऐसे में बैंक का 12 लाख का ऋण कैसे चुकता करें, समझ में नही आता यह गुहार पिछोर की नगरिया कॉलोनी में रहने वाली युवती अनु पुत्री कमलेश गुप्ता ने बीते रोज कलेक्टर कार्यालय आकर कलेक्टर को सुनाई।
अनु ने बताया कि आज से 10 साल पहले उनके पिता कमलेश ने भारतीय स्टेट बैंक से दो लाख रुपए का लोन बैक प्रबंधन से लिया। बैक ने तीन हजार रुपए महावार की किश्त बनाई और गुप्ता परिवार ने 30 हजार रुपए भी किश्तों से बैंक के जमा किए लेकिन इसके बाद कमलेश गुप्ता जो परचूने की दुकान चलाते थे वो हार्ट की बीमारी से ग्रस्त हो गए और उसके बाद से आज तक उसी बीमारी से लड़ रहे है।
आलम यह है कि घर में खाने-पीने की व्यवस्था भी नही है। परिवार की यह समझ में नही आ रहा है कि ऐसे में ऋण की रकम कैसे जमा करें। अनु ने बताया कि ऋण के दो लाख रुपए 10 साल में ब्याज पर ब्याज लगकर 12 लाख हो गए। अब बैंक प्रबंधन गुप्ता परिवार का घर नीलाम करने की तैयारी कर रहा है। और इसी के चलते बैंक ने गुप्ता परिवार के घर पर ताला लगा दिया है।
गुप्ता परिवार का कहना है कि वह बैंक से लिए ऋण के दो लाख रूपए जमा करने को तैयार है। हमारे परिवार की गुजर बसर तो बड़ी मुश्किल से हो रहा है। ऐसे में वह 12 लाख रुपए कहां से जमा करेंगे और घर जाने के बाद उन्है सड़क पर रहना पडेंगा। इस समस्या के चलते पूरा परिवार मदद की उम्मीद से कलेक्ट्रेट आया था। अनु की मां की आंखे नम थी और वह रोते हुए कलेक्टर परिसर में जो भी मिला उससे मदद की गुहार लगा रही थी। एसडीएम नीतू माथुर ने अनु के आवेदन को देखा और कलेक्टर साहब से मिलने की बात कही लेकिन किसी अधिकारी ने पीडि़त की मदद नही की।