छात्र अपनी योग्यता व शक्ति को राष्ट्र निर्माण में लगाएं: सिंह
विद्या भारती की राष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिता का शुभारंभ
शिवपुरी। खेल हमें शक्तिशाली,स्वस्थ और ऊर्जावान बनाते हैं तथा हमें सतत संघर्ष रहते हुए आगे बढ़ते रहने की प्रेरणा देते हैं। उपरोक्त विचार शिवपुरी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आलोक सिंह ने मुख्य-अतिथि के रूप में विद्या भारती के राष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिताओं का शुभारम्भ करते हुए व्यक्त किये। आपने कहा कि खेल हमारे भीतर एकता और एकजुटता के साथ लक्ष्य पाने के लिए संघर्ष करने की प्रेरणा देते हैं। आपने देशभर से आये हुए लगभग 150 खिलडिय़ों का आह्वान किया कि वे अपनी शक्ति तथा योग्यता को राष्ट्र निर्माण में लगायें।
अध्यक्षीय उद्बोधन में विद्या भारती के प्रांत सचिव शिरोमणि दुबे ने कहा कि युवा होने के नाते आपका दायित्व है कि आप मातृभूमि की सेवा में अपनी सम्पूर्ण शक्ति को लगायें तथा देश से हर तरह की कड़वाहट को समाप्त कर हमारे सनातन जीवन मूल्यों तथा आदर्शो की रक्षा करें। उन्होंने आचार्यों से अनुरोध किया कि वे शिक्षा के लिए चाणक्य परम्परा का निर्वाह करते हुए चन्द्रगुप्त की तरह धरातल के व्यक्ति का आदर्शों के शिखर पर बिठा कर चंद्रगुप्त की तरह सत्य के सिंहासन पर आरूढ़ कर सकते हैं। दीप प्रज्जवलन,मातृ वंदना के उपरांत अतिथियों का परिचय सरस्वती विद्यापीठ आवासीय के प्राचार्य गोपालसिंह राठौड़ ने दिया। विभाग समन्वयक विजय माथुर और मध्य प्रांत के खेल प्रमुख विष्णु सोनी ने अतिथियों को तिलक लगा कर तथा प्रतीक चिन्ह भेंट कर किया। अतिथियों में विशिष्ट अतिथि के रूप में राष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिता के संयोजक हरियाणा चंडीगढ़ से आये रणवीरसिंह का भी स्वागत किया गया। प्रस्तावना के रूप में क्षेत्रीय संयोजक विष्णुसोनी ने विद्याभारती के छात्रों की खेल व शिक्षा के क्षेत्र में प्राप्त उपलब्धियों की जानकारी प्रस्तुत करते हुए विद्याभारती के खेल प्रतियोगिताओं के इतिहास को याद करते हए बताया कि राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं का प्रारम्भ 80 के दशक में ग्वालियर से हुआ था। आज विभिन्न स्पर्धाओं में हजारो छात्र-छात्रायें भाग लेते हैं। अतिथियों के समक्ष कुश्ती का प्रदर्शन किया गया। आभार का प्रदर्शन प्राचार्य गोपाल राठोड़ ने किया। कार्यक्रम का सफल संचालन अरुण अपेक्षित के द्वारा किया गया। शांतिपाठ के साथ कार्यक्रम अपनी पूर्णता पर पहुंचा।