आढ़त के नाम पर अब किसानों से नहीं होगी वसूली

उद्योग मंत्री यशोधरा राजे के निर्देश पर कृषि उपज मंडी ने प्रस्ताव किया पारित
शिवपुरी। कृषि उपज मंडी शिवपुरी में फल एवं सब्जी पर आढ़त के नाम पर आढ़तियों द्वारा किसानों से जमकर पैसा वसूल कर उनका शोषण किया जा रहा था। जिसकी समय-समय पर जिला प्रशासन एवं प्रदेश की मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया से शिकायतें की जा रहीं थी। इन शिकायतों पर से यशोधरा राजे सिंधिया के निर्देश पर एक प्रस्ताव पारित कर निर्णय लिया है कि अब आढ़त के नाम पर किसानों से वसूली नहीं की जाएगी।
जानकारी के अनुसार कथित व्यापारियों और आढ़तियों द्वारा मनमाना तथा गैर कानूनी रूप से आढ़त वसूल करने के कारण किसान शोषण के शिकार हो रहे थे। एक ओर जहां किसानों से 7 प्रतिशत तक अवैधानिक रूप से आढ़त वसूल की जा रही थी। वहीं दूसरी ओर 40 किलो उपज पर 5 किलो आढ़तिये और व्यापारी अधिक रूप से किसानों से वसूली कर रहे थे। मंडी उपाध्यक्ष कैलाश कुशवाह बताते हैं कि मंडी अधिनियम में कहीं भी किसानों से आढ़त वसूल करने का प्रावधान नहीं है, लेकिन इसके बाद भी मंडी में वसूली की जा रही थी। इस कारण कृषि उपज मंडी में कई बार किसान और आड़तिये आमने-सामने आए थे, लेकिन इसके बाद भी कोई हल नहीं निकला था।
इस संबंध में मंडी प्रशासन के अधिकारियों ने तत्कालीन एडीएम जेडयू शेख से चर्चा की तो एडीएम का कहना था कि यदि मंडी आढ्त खत्म करने का प्रस्ताव पारित कर देती है तो इसमें प्रशासन हस्तक्षेप कर आढ़़तियों को आड़त न लेने के लिए बाध्य कर सकती है।
उद्योग मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया की जानकारी में जब यह बात आई तो उन्होंने मंडी प्रशासन से तुरंत आढ़त खत्म करने को कहा। इस पर मंडी अध्यक्ष शंकर आदिवासी के निर्देश पर उपाध्यक्ष कैलाश कुशवाह ने आड़त खत्म करने का प्रस्ताव मंडी प्रशासन के समक्ष रखा जिसमें आम सहमति से लगभग सभी सदस्यों ने आड़त खत्म करने पर सहमति जताई।
किसानों को राहत दिलाने के यशोधरा राजे के इस निर्णय का मंडी अध्यक्ष शंकर आदिवासी, उपाध्यक्ष कैलाश कुशवाह, सदस्य सिरनाम रावत, नीरज खटीक, अवतार सिंह, वीरेन्द्र शर्मा, कमला धाकड़, रामप्यारी जाटव, हरिशंकर गोयल आदि ने स्वागत करते हुए इसे एक किसान हितैषी निर्णय बताया है और कहा है कि इससे कृषि उपज मंडी शिवपुरी की साख में वृद्धि होगी तथा किसान यहां आने के लिए प्रोत्साहित होंगे।