पंचायतों की नलजल योजनायें पीएचई को देने पर विचार

भोपाल। पंचायत विभाग को सौपी गई नलजल योजना को हस्तांतरित किया जा रह है। इस संबंध में आज विधानसभा में एक प्रश्न के जबाब में मुख्यमंत्री ने लोकमहत्व का विषय होने के कारण जवाब देते हुए बताया कि पीएचई और पंचायत विभाग की संयुक्त बैठक बुलाकर जल्द ही समन्वय बनाया जायेगा कि पंचायत विभागके अधीन नल जल योजना का ठीक से क्रियान्वयन हो पर अमले की कमी के कारण पंचायत विभाग इस योजना को नही संभाल पा रहा है तो इसे पीएचई विभाग को सौप दिया जायेगा। विधानसभा में ग्रामीण क्षेत्रों में पीने के पानी के लिए संचालित नलजल योजना का पंचायत विभाग द्वारा ठीक से रखरखाव नही कर पाने के कारण आए दिन हंगामा होता रहता है। आज भाजपा के विधायक हरवंस राठौर द्वारा पूछे गये प्रश्न में उनोहने आरोप लगाया कि 2006-07 में योजनाए स्वीकृत हुई, लेकिन आज तक इन योजनाओं को शुरू नहीं किया गया। सरकार द्वारा सदन में जो जवाब दिया गया है वो झूठा है वहीं दुसरे प्रश्न में कांग्रेस के विधायक अजय सिंह ने जानना चाहा कि क्या सरकार कोई नितिगत फैसला लेगी कि बंद योजनाए कब तक शुरू होगी। मुकेश नायक ने भी कहा कि बुंदेलखंड क्षेत्र की 1200 नलजल योजनाओं में से 997 बंद पड़ी है। पीएचई मंत्री कुसुम महदेले ने इस प्रश्न का जवाब देती उससे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने सदन में कहा कि यह लोक महत्व का विषय है और भू- जल लगातार नीचे जा रहा है. पंचायत विभाग के पास अमले की कमी के कारण नलजल योजनाओं को पंचायत विभाग ठीक ढग से मही चला पा रहा है तो इसे पीएचई और पंचायत विभाग को बैठक कर कोई निर्णय लेंगे कि क्यों ना पंचायत विभाग के अधीन नलजल योजना का क्रियान्वयन पीएचई को सौंप दिया जाये।

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