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जर्जर सड़क से हो रहे हादसे

12 गांव के लोगों को हो रही परेशानी
श्योपुर। जल संसाधन विभाग के अधीन सलापुरा से गिरधरपुर तक जर्जरसड़क एक साल से मरम्मत की बाट जो रही है। तीन माह पूर्व क्षेत्र के दौरे पर आए जल संसाधन विभाग के ईई ने जल्द ही एस्टीमेट बनाकर उखड़ी सड़क का मैंटीनेंस कराने का भरोसा ग्रामीणों को दिया था। लेकिन अभी तक हालात जस के तस बने हुए हैं। इससे 12 गांवों के ग्रामीणों का सफर दुश्वार होने के साथ ही जोखिमभरा भी हो गया है।
सलापुरा से गिरधरपुर तक करीब 27 किलोमीटर लंबी सड़क बनने के एक साल में ही उखड़ गई। कलारना से लेकर गिरधरपुर तक सड़क पर गड्ढे और बिखरी गिट्टियां मुसीबत बनी हुई है। कई जगह दो-दो फीट चौड़े गड्ढे हो गए, सड़क का डामर भी गायब हो गया है। ग्रामीणों ने बताया कि इस सड़क से प्रतिदिन 12 गांवों के तीन सैकड़ा से अधिक छोटे-बड़े वाहन गुजरते हैं। लंबे अरसे से चंबल नहर किनारे पक्की सड़क का ग्रामीणों का सपना पूरा हुआ लेकिन निर्माण कार्य में गुणवत्ता गायब होने से एक साल में ही समस्या खड़ी हो गई है।
चंबल नहर किनारे बनी सड़क उखडऩे से रामबाड़ी, चकबमूल्या, कलारना, गिरधरपुर, ढीमचोतरा, तिल्लीडेरा, हीरापुर, फूलदा, गोठरा, ढोढर, बगदिया, मानपुर आदि गांवों के लोगों को आवागमन में परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
वहीं जल संसाधन विभाग श्योपुर के कार्यपालन यंत्री एबी शर्मा का कहना है कि मैंने खुद भी इस सड़क पर सफर किया है। काफी गड्ढे हो गए हैं। सड़क के मेंटेनेंस के लिए प्रस्ताव शासन को मंजूरी के लिए भेजा गया है। स्वीकृति मिलते ही मेंटेनेंस कराया जाएगा।

Updated : 9 Nov 2015 12:00 AM GMT
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