बाबा साहब ने जहर पीया और हमारे लिए अमृत छोड़कर गए : पीएम मोदी

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि समय की मांग है कि संविधान में लिखित बातों को जन-जन से परिचित कराया जाए। 26 नवंबर संविधान दिवस के माध्यम से संविधान की बातों को आगे बढ़ाए जाने की जरूरत है। पीएम मोदी ने कहा कि 26 जनवरी की ताकत 26 नवंबर में छिपी है। पीएम मोदी इस समय लोकसभा में डॉ. बीआर अम्बेडकर की 125वीं जयंती वर्ष में ‘संविधान के प्रति प्रतिबद्धता’ पर गुरुवार को शुरू हुई चर्चा पर अपना समापन भाषण दे रहे हैं।
कोई यह नहीं कह सकता कि पुरानी सरकारों, पुराने प्रधानमंत्री ने देश के विकास में कुछ नहीं किया। यह देश सभी के योगदान से आगे बढ़ा है। बाबा साहब चाहते तो अपने अपमान का बदला ले सकते थे। अपमान के बावजूद कटुता से नहीं भरे थे डॉ. अंबेडकर। भारत के संविधान का निर्माण एक मुश्किल काम था। हर पीढ़ी के लिए लाभकारी हैं अंबेडकर के विचार। मनुष्य द्वारा निर्मित एक मात्र अमर दस्तावेज संविधान है। बाबा साहब ने जीवन भर में जो झेला लेकिन संविधान में कहीं बदले की भावना नहीं है। बाबा साहब ने जहर पीया और हमारे लिए अमृत छोड़कर गए। पीएम मोदी ने कहा, 'मेरा भाषण समापन नहीं यह चर्चा का हिस्सा है। हम सबको बांधने की ताकत हमारे संविधान में है। संविधान के बारे में एक निरंतर मंथन चलना चाहिए।' पीएम ने कहा कि संविधान पर ऑनलाइन प्रतियोगिता भी होनी चाहिए। इस देश को कोटि-कोटि जनों ने बनाया है। पीएम ने कहा, 'संविधान के अंदर भी सबकी भूमिका रही है। हमें इतना उत्तम संविधान मिला है उसकी जितनी सराहना की जाए कम है।'