दो वर्ष से नहीं मिला लाड़ली लक्ष्मी योजना का लाभ

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से लेकर सुपरवाइजर तक नहीं दे रहे ध्यान, लाभ से हैं वंचित कन्याएं
भिण्ड। कन्याओं के हित में चलाई गई जा रही लाड़ली लक्ष्मी योजना दम तोड़ती नजर आ रही है। वार्ड क्र. 24 एवं 25 में विगत दो वर्ष से जन्मी कन्याओं को इस योजना का लाभ नहीं मिला है। बजह यह बताई जा रही कि राज्य शासन द्वारा लाड़ली लक्ष्मी योजना का बजट नहीं भेजा जा रहा है। ऐसे में कन्या जन्म के बाद हितग्राहियों को छह हजार रुपए के राष्ट्रीय बचत-पत्र नहीं दिए जा रहे हैं। जबकि राष्ट्रीय बचत पत्र प्राप्त करने के लिए कई हितग्राही रोजाना महिला बाल विकास परियोजना अधिकारी के चक्कर लगा रहे हैं। इसके बावजूद इनको फार्म जमा करने की प्राप्ति रसीद नहीं दी जा रही है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से लेकर सुपर बाइजर लाड़ली लक्ष्मी योजना को पलीता लगा रहे हैं।
वसूली करने में लगी कार्यकर्ता
बालिका जन्म के प्रति जनता में सकारात्मक सोच, लिंगानुपात में सुधार, बालिकाओं की शैक्षणिक स्तर तथा स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार तथा उनके अच्छे भविष्य की आधारशिला रखने के उद्देश्य से मप्र में एक अप्रैल 2007 से लाड़ली लक्ष्मी योजना लागू की गई है। हाल में इस योजना का कई कन्याओं को लाभ दिया गया, लेकिन अब इस योजना का लाभ तो दूर यह भी पता नहीं चल रहा है कि उनका फार्म जमा भी हुआ है या नहीं क्योंकि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा न तो लोगों को जागरुक करने में रुचि ले रही है और न ही जिस परिवार में कन्या जन्म लेती है उससे संपर्क कर इनको इस योजना का लाभ पहुंचा पा रही है, यह तो अपनी कमाई के लालच में रुपए ऐंठने में जुटी हैं।
इन लोगों को नहीं मिला लाभ
वार्ड क्र.24 में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की लापरवाही के कारण नवजात कन्याओं का लाड़ली लक्ष्मी योजना का लाभ नहीं दिला पा रही है, विगत दो से तीन वर्ष बीत जाने के बाद भी समीक्षा पुत्री शशिकपूर, रागिनी पुत्र गिरजेश, मानवी पुत्री धर्मेन्द्र, संध्या पुत्री राजकुमार, श्रेया पुत्र विक्रम इनके अलावा कई ऐसी कन्याएं हैं जिनको इस योजना लाभ तो दूर फार्म जमा करने की पावती तक नहीं दी गई है, लेन-देन के चक्कर में यह योजना अधर में लटकती जा रही है।
इस तरह मिलेगा लाभ
योजनांतर्गत बालिका के नाम से पंजीकरण के समय से लगातार पांच वर्षों तक रुपए 6.6 हजार मप्र लाड़ली लक्ष्मी योजना निधि में जमा किए जाएंगे, अर्थात कुल राशि 30 हजार रुपए बालिका के नाम से जमा किए जाएंगे। बालिका के कक्षा छह में प्रवेश लेने पर दो हजार रुपए, कक्षा नौवीं में प्रवेश लेने पर चार हजार रुपए कक्षा 11वीं में प्रवेश लेने पर छह हजार रुपए तथा 12वीं कक्षा में प्रवेश लेने पर छह हजार रुपए ई-पेमेंट के माध्यम से किया जाएगा। अंतिम भुगतान एक लाख रुपए बालिका की आयु 21 वर्ष होने पर तथा कक्षा 12वीं परीक्षा में शामिल होने पर भुगतान की जाएगी, किंतु शर्त यह होगी कि बालिका का विवाह 18 वर्ष की आयु के पूर्व न हुआ हो।