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जच्च-बच्च को घर छोडऩे से कतरा रहीं जननी एक्सप्रेस

अस्पताल से छुट्टी के बाद परिजनों को तलाशना पड़ता है वाहन

अशोकनगर | सरकारी अस्पतालों में प्रसूतिकाओं को जननी एक्सप्रेस वाहनों का लाभ नही मिल पा रहा है। जिससे प्रसूतिकाओं के परिजन निजी वाहनों के माध्यम से सुरक्षित प्रसव कराने सरकारी अस्पतालों में पहुंच रहे हैं। अगर जननी वाहन प्रसूतिकाओं को प्रसव कराने अस्पताल ले भी आए तो प्रसव के उपरांत उन्हें वापस घर छोडऩे से कतराते हैं। शनिवार को जिला अस्पताल में ऐसी ही एक प्रसूतिका के परिजन घर तक पहुंचने के लिए वाहन की तलाश करते रहे जब उन्हें जननी वाहन नही मिला तो वह किराए के वाहन से वापस अपने घर के लिए रवाना हो सके। ईसागढ़ विकासखण्ड के ग्राम रायश्री से शनिवार को जिला अस्पताल में आई प्रसूतिका मोनिका पत्नि भरत का अस्पताल में सुरक्षित प्रसव हुआ। जब बाद में रविवार को अस्पताल से जच्चा-बच्चा को छुट्टी मिल गई तब उनको वापस गांव तक पहुंचाने के लिए जननी वाहन उपलब्ध नही हुआ। इस कारण उन्हें वापस किराए के वाहन से गांव लौटना पड़ा। इसी तरह एक दूसरा मामला मुंगावली विकासखण्ड से था। उनको भी प्रसव के बाद जननी वाहन उपलब्ध नही का मलाल था। सरकारी अस्पतालों में सुरक्षित प्रसव के लिए शासन द्वारा गर्भवती महिलाओं को अस्पताल तक लाने और ले जाने के लिए जननी वाहन उपलब्ध कराए गए हैं। इन जननी वाहनों के माध्यम से प्रसूतिकाएं अस्पताल में सुरक्षित प्रसव के लिए पहुंच रहीं हैं मगर प्रसव के बाद जचा-बच्चा को घर तक छोडऩे के लिए वाहन नही पहुंच रहे हैं। जिससे प्रसूतिकाओं को स्वयं का व्यय करके वाहन किराए पर करना पड़ रहे हैं। जबकि बीते कुछ महीनों से जिले में जननी एक्सप्रेस वाहन बंद थे। तब शासन की आकस्मिक चिकित्सा वाहन १०८ अन्य पीडि़तों को अस्पतालों में पहुंचाने के साथ-साथ प्रसूतिकाओं को भी अस्पताल छोड़ रहीं थीं। उस समय जिले भर में १०८ वाहनों अत्याधिक भार था। फिर भी कम से कम जननी वाहनों की पूर्ति कर ही रहीं थीं। अब जबकि जिले में बीते माह से जिले में जननी वाहन शुरू हो गए हैं इसके बावजूद भी ये वाहन बेहतर परफार्मेंश प्रस्तुत नही कर पा रहे हैं। जिला मुख्यालय पर जननी वाहन कॉल सेंटर पर जब जच्चा-बच्चा को वापस घर छोडऩे की बात की गई तब उनका कहना था कि वाहन की उपलब्धता पर वाहन पहुंचाए जाते हैं। जब से जिले में वाहन शुरू हुए हैं तब से हमारे यहां ४४१ प्रसूतिकाओं को लाया गया और ३१७ को वापस भी छोड़ा है। यह दावा कितना सही है यह तो प्रसूतिकाओं के साथ आने वाले परिजन ही बता सकते हैं।

Updated : 23 Nov 2015 12:00 AM GMT
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