अमेरिका आव्रजन संबंधी सुधारों को पारित करने में असफल:ओबामा

वाशिंगटन। राष्ट्रपति बराक ओबामा ने देश की अर्थव्यवस्था के पटरी पर लौटने के बाद आज कहा कि अमेरिका जलवायु परिवर्तन सहित वैश्विक खतरों से निपटने में दुनिया का नेतृत्व कर रहा है, लेकिन उनका प्रशासन आव्रजन संबंधी महत्वपूर्ण सुधारों सहित अन्य कानूनों को पारित कराने में असफल रहा है।
ओबामा ने 'ऑर्गेनाइजिंग फॉर अमेरिका' कार्यक्रम में कहा,' विदेश नीति के मोर्चें पर, जब हम आए तो हमारा प्रभाव कम हो रहा था। उन्होंने कहा कि आज अमेरिका नई चुनौतियों से निपटने का नेतृत्व करते हुए यह सुनिश्चित करता है कि ईरान को परमाणु हथियार ना मिलें,साथ ही यह भी सुनिश्चित करता है कि 21वीं सदी के लिए हमारे पास स्मार्ट और मजबूत व्यापारिक नियम हों।'
दर्शकों की तालियों की गूंज के बीच ओबामा ने कहा कि जलवायु परिवर्तन से गंभीरता से निपटने की दिशा में अमेरिका दुनिया का नेतृत्व कर रहा है। इन्हीं में से एक कारण से देश ने तय किया कि कीस्टोन पाइपलाइन राष्ट्रीय हित के लिए लाभकारी नहीं है।उन्होंने कहा कि इस परियोजना को मंजूरी दिए जाने से अमेरिका के वैश्विक नेतृत्व पर असर पड़ता, इसलिए छह साल से अधिक समय तक चली समीक्षा के उपरांत इसे रद्द कर दिया है। ओबामा ने कहा कि हमें उदाहरण पेश करते हुए चलना होगा, क्योंकि अंतत: हमें दुनिया के एक बड़े हिस्से को बर्बाद होने से बचाना है तो हमें जीवाश्म ईंधन को पूरा जलाने के बजाय थोड़ा उसे जमीन में रखना होगा।
गौरतलब कच्चे तेल की आपूर्ति के लिए कनाडा के अलबर्टा से शुरू होकर चौथे चरण में कीस्टोन पाइपलाइन परियोजना मोंटाना से अमेरिका में प्रवेश करती है और फिर नेब्रास्का तक जाती है। इसका पहला, दूसरा और तीसरा चरण लागू हो चुका है लेकिन चौथे चरण को ओबामा प्रशासन ने नेब्रास्का के सैंडहिल इलाके से इसके गुजरने को लेकर विवाद खड़ा होने के बाद रद्द कर दिया है।

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