पोते की देखभाल के लिए दादी को मिली जमानत

केन्द्रीय जेल ग्वालियर में बंद हैं दोनों
ग्वालियर। उच्च न्यायालय की ग्वालियर खण्डपीठ ने आजीवन कारावास की सजा काट रही पार्वती को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है। न्यायमूर्ति यूसी महेश्वरी व न्यायमूर्ति एसके गुप्ता की युगलपीठ ने कहा- चूंकि पार्वती के पोते ,पुष्पेन्द्र की देखभाल करने वाला कोई नहीं है, इसके चलते वह भी अपने पूरे परिवार के साथ जेल में रहने के लिए मजबूर है। पुप्पेन्द्र के हित को ध्यान में रखते हुए याची पार्वती को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया जाता है।
प्रकरण के संबंध में जानकारी देते हुए अभिभाषक नवनिधि ने बताया कि ग्राम रामगरा जिला दतिया निवासी पार्वती , उसका पति परसराम , बेटा रवि केन्द्रीय जेल ग्वालियर में सजा काट रहे हैं। साथ में रवि का तीन वर्षीय बेटा पुष्पेन्द्र भी जेल में रहने को मजबूर है क्योंकि पुष्पन्ेद्र की मां की हत्या हो चुकी है और पुष्पेन्द्र के ही दादा, दादी व पिता को उसकी मां की हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा हुई है। पुष्पेन्द्र की अच्छे से देखभाल हो सके , इसी को आधार बनाते हुए पार्वती ने उच्च न्यायालय में जमानत याचिका प्रस्तुत की। उनके अभिभाषक ने न्यायालय को बताया कि पुष्पेन्द्र की देखभाल करने के लिए ननिहाल पक्ष से कोई भी नहीं है। सभी जेल में हैं वहीं उसके नाना व मामा भी किसी अन्य जेल में सजा काट रहे हैं। अभिभाषक ने न्यायालय से गुहार लगाते हुए कहा कि यदि पार्वती को जमानत पर रिहा किया गया तो वह पुष्पेन्द्र को अच्छे वातावरण में पढ़ा लिखा कर अच्छा नागरिक बना सकेगी।