नई इमारत की गुणवत्ता पर आखिर चुप्पी क्यों साधे प्रशासन ?
चार बार गिर चुके हैं इमारत के टायल्स
झांसी। नगर निगम की नई इमारत करोड़ों की लागत से बनकर तैयार कर दी गई है। लेकिन इसकी गुणवत्ता पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। 2009 में नई इमारत का कार्य शुरु किया गया था लेकिन 2013 में कार्य पूरा होने के बाद नगर निगम की पुरानी इमारत को छोड़ नई इमारत में नगर निगम के अधिकारी व कर्मचारी आ गए थे व नगर निगम पूरी तरह नई इमारत में स्थापित हो गया था। लेकिन नई इमारत में अधिकारियों को कार्यालय में हुये कार्य की व्यवस्था पूरी तरह नहीं मिल पायी। देखा गया कि विद्युत व्यवस्था सहित अन्य व्यवस्थाएं पूरी तरह नई इमारत में नहीं हो पायी थीं। माना जा रहा था कि नई इमारत का भुगतान नहीं हो पाया था जिससे कुछ कार्य अधूरा पड़ा हुआ था। फिलहाल वह कार्य भी पूरा कर दिया गया। लेकिन नगर निगम की नई इमारत में एक साल बीतने के बाद इमारत ने अपनी गुणवत्ता की ताकत दिखाना शुरु कर दी और इमारत में लगे टाइल्स गिरना शुरु हो गये। हालांकि टायल्स इतने भारी हैं कि अगर किसी पर गिर जाए तो मौत भी हो सकती है। लेकिन इमारत के टायल्स दो साल में लगभग चार बार गिर चुके हैं। फिलहाल कोई हताहत नहीं हुआ, इमारत की गुणवत्ता का कारनामा सामने आ रहा है। लेकिन इस मामले में शासन व प्रशासन के द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है, बल्कि इस मामले में चुप्पी साध ली गई है। अगर इसी तरह इस मामले में गंभीरता से जांच नहीं की गई तो एक दिन बड़ी घटना घट सकती है।
नई इमारत के लिये रखा जाएगा बजट
नई इमारत में अन्य व्यवस्थाएं भी अस्त-व्यस्त पड़ी हुई हैं। इमारत में शौचालय की स्थिति जर्जर हैं। शौचालय में पानी की व्यवस्था के लिए जो संसाधन लगाये गये हैं वह भी खराब हो गए हैं। शौचालय की ट्रायल्सें उखडऩा शुरु हो गई हैं। इमारत के अंदर व बाहर का माहौल एक सा हो रहा है। कई जगह से पानी भी बहता नजर आता है। इतना सबकुछ होने के बाद भी नगर निगम प्रशासन के अधिकारी नगर निगम में चुप्पी साधे बैठे रहते हैं। इस मामले में इमारत के मरम्मत कार्य के लिए कोई धनराशि नहीं रखी गई है। जबकि सरकार द्वारा करोड़ों का बजट नगर निगम को मिलता है। अन्य कार्यों के लिए सदन की बैठक में प्रस्ताव रख बजट रखा जाता है। लेकिन इमारत के लिए कोई बजट नहीं रखा गया जिससे इमारत की टूटफूट का खर्च किस विभाग को सौंपा जाएगा। इस समस्या के लिए फिलहाल नगर निगम के अधिकारी आपस में चर्चा कर रहे हैं और जल्द ही आगामी सदन की बैठक में लगभग 60 लाख के करीब प्रस्ताव मरम्मत कार्य के लिए प्रस्ताव रखने की संभावना है।