भवसागर से पार करतीं हैं गौमाता : बाल व्यास

झांसी। श्री हनुमत दुर्गा सिद्ध पीठ, राजघाट कालोनी, पंचम दिवस आचार्या पं. मनोज चतुर्वेदी, बाल व्यास महाराज ने गिरिराज पूजा का वर्णन करते हुए कहा-गोकुल में भव्य नंदोत्सव मनाया गया, जहां देवगण भी रूप बदलकर हरिदर्शन को आये। पुत्र जन्म होने पर नंद बाबा का हृदय तो मानो आनंद से भर गया। विविध दान दक्षिणा देखकर गुरूजनों का आशीर्वाद लिया। दासदासियों, सेवकों, नाई, भाट, बंदीजनों को भेंट बांटी गई। भगवान कृष्ण ने आज मात्र 10 दिन की आयु में ही बाल घातिनी पूतना को मार दिया जो प्रभु को स्तनपान के माध्यम से दूध पिलाने आई थी पूतना वासना का ही रूप है। जीव व ब्रह तभी लीलायें कर पाते हैं। जब वासना को खत्म किया जाये।
उन्होंने कहाकि विविध बाल लीलाओं के माध्यम से प्रभु श्रीकृष्ण ने ग्वालबालों को शिक्षा प्रदान, श्रीकृष्ण का एक एक चरित्र है जीवन में अनुकरणीय उपयोगी, प्रभु ने गौचारण भी किया गौ के रोम-रोम में 36 करोड़ देवता वास करते हैं गौ की सेवा, गौपूजन करने वाले कभी नरक में नहीं पडऩा। भव सागर से पार करती है गौ सेवा माताओं को गौ ग्रास अवश्य निकालना चाहिये। एक दिन प्रभु ने प्रात: समस्यत बृजवासियों को पूजा की तैयारी करते देखा, तब प्रभु ने कहाकि आज सब लोग मेरे साथ मथुरा चलेंगे व गिरिराज का पूजन करेंगे जो कि साक्षात देव हैं। गोवर्धन की पूजा परिक्रमा करने वालों का कोई मनोरथ अधूरा नहीं रहता।
इससे पूर्व पूजन अर्चन अर्चन आरती श्रीमती सुशीला दुबेे सभासद, गोकुल दुबे, सभासदवंदना यादव, आर के गौड उप निदेशक मत्स लाडली गौड, देवेन्द्र साहू, राजकुमार यादव वट्टू अध्यक्ष व्यापार मंडल, आर एस चौहान, विनोद सक्सेना, कपूर सिंह चंदल, नीरज शास्त्री, शैलेन्द्र चतुर्वेदी, देवीदत्त शुक्ल भारत, रोटीराम, आदर्श चतुर्वेदी मुख्य व्यवस्थापक रोशन राय, राजेश कुमार वर्मा, रामनरेश उपाध्याय, दीपू तिवारी उमाशंकर, दिवेन्द्र गुप्ता, रामप्रसाद, आदि ने किया। संचालन पं. सियारामशरण चतुर्वेदी ने किया। आभार ज्ञापन पं. वाला प्रसाद चतुर्वेदी स्वामी ने किया।

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