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धड़ल्ले से दौड़ रहे हैं बिना नंबर के ट्रैक्टर

डबरा। प्रशासनिक लापरवाही के चलते नगरीय सीमा में परिवहन कानून का उल्लघंन कर खुलेआम टे्रक्टर-ट्रॉली सड़कों पर दौड़ रहे हैं। जिससे नगर की परिवहन व्यवस्था बिगड़ती जा रही है। इन टे्रक्टर ट्रॉलियों पर न तो नंबर हैं, न परमिट हैं और न ही फिटनेस। इसके बाद भी यह टे्रक्टर-ट्रॉली खुलेआम शहर में व्यवसायिक कार्य कर रहे हैं। खेती के लिए पंजीकृत टे्रक्टर ट्रॉली व्यवसायिक कार्यों में संलग्न हैं। हैरानी की बात है कि कृषि कार्य के लिए पंजीकृत ट्रेक्टर ट्राली सरकारी गोदामों एवं मंडी से खुलेआम माल ढो रहे हैं, जो कि नियम विरुद्ध है। इसके बावजूद इन पर कार्यवाही नहीं की जा रही है।
व्यवासायिक कार्यों में संलग्न टे्रक्टर-ट्राली के प्रवेश पर चार माह पूर्व तात्कालीन एसडीएम ने दिन के समय नगर के मुख्य मार्ग से प्रवेश पर रोक लगाई थी। इस आदेश पर कुछ माह तक अमल हुआ। इसके बाद फिर से टे्रक्टर ट्राली नगर में आने लगे हैं। नगर में दिन भर ऐसे ट्रेक्टर-ट्रॉली बाजार की सड़कों पर फर्राटे भरते देख जा सकते हैं। चूंकि डबरा की मंडी प्रदेश की प्रमुख मंडियों में शामिल है। सीजन के समय मंडी में प्रतिदिन सैकडों टे्रक्टर ट्राली अनाज लेकर आते हंै। जिससे कई बार मुख्य मार्ग पर जाम के हालत बनते हैं। वही मंडी में व्यापारियों द्वारा खरीदे जाने वाला अनाज का परिवहन टे्रक्टर ट्रालियों द्वारा किया जाता हैं यह टे्रक्टर ट्राली व्यवासायिक कार्य के लिए पंजीकृत नहीं हैं। अनाज परिवहन करने वाले टे्रक्टर ट्रालियों को व्यवासियक उपयोग के लिए भी पंजीकृत नहीं कराया गया है।
परिवहन कानून के विपरीत व्यवसाईयों ने अपनी ट्रालियां निर्धारित माप से अलग तैयार करवा ली हैं। ट्रालियों में दो टन अनाज के परिवहन की अनुमति है। लेकिन व्यवसायिक कार्य में संलग्न ट्रालियों द्वारा छह टन तक अनाज परिवहन किया जाता है। भारी भरकम टे्रक्टर ट्रालियों के कारण आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं। लेकिन प्रशासनिक कार्यवाही न होने से कृषि कार्य के लिए पंजीकृत ट्रालियों का धड़ल्ले से व्यासायिक उपयोग किया जा रहा है।

रजिस्ट्रेशन नंबर भी नहीं हैं
टे्रक्टर ट्राली का व्यवसायिक उपयोग तो हो ही रहा है, लेकिन इन वाहनों पर नंबर तक अंकित नही हैं। सुरक्षात्मक मापदंड पर भी यह खरे नहीं उतर रहे हैं। इन वाहनों में बैक लाइट तक नहीं है। वहीं इनकी हैडलाइट भी ठीक नहीं होती है। अगर ब्रेक चैक किए जाएं तो अधिकांश ट्रेक्टरों में ब्रेक ही नही मिलेंगे। वही इन टे्रक्टर-ट्रॉलियों के चालक भी बिना लायसेंस के टे्रक्टर दौड़ा रहे हैं।
परमिट, फिटनेस भी नहीं
टे्रक्टर-ट्राली का व्यवासायिक उपयोग से पहले परमिट फिटनेस जरूरी है। परिवहन नियमों के अनुसार अधिकतर टे्रक्टर ट्राली मालिकों के पास व्यवासायिक उपयोग का परमिट नही हैं। और फिटनेस भी नहीं ली गई। जिससे शासन को राजस्व की हानि हो रही है। वहीं परिवहन विभाग को लाखों रुपए रोड टैक्स एवं परिमट का देने वाले ट्रांसर्पोटर को इन टे्रक्टर ट्रालियों के कारण व्यवसायिक हानि उठानी पड़ रही है।
एसडीएम ने जारी किया पत्र
कृषि कार्य के लिए पंजीकृत टे्रक्टर ट्रालियों का व्यवसायिक उपयोग किये जाने के मामले को एसडीएम डॉ. पंकज जैन ने संज्ञान में लेकर संबंधित विभाग को सार्वजनिक वितरण प्रणाली का अनाज परिवहन करने वाले टे्रक्टर ट्राली एवं मंडी माल ढुलाई करने वाले टे्रक्टर ट्रालियों की जांच के निर्देश दिए हैं। जिन टे्रक्टर ट्राली का व्यवसायिक पंजीयन नहीं है, उन्हें माल न देने के आदेश दिए हैं।

Updated : 5 Oct 2015 12:00 AM GMT
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