अल्प वर्षा को चुनौती के रूप में लें: मीणा

कृषि उत्पादन आयुक्त ने की मौजूदा खरीफ व रबी फसलों की तैयारियों की समीक्षा
ग्वालियर। प्रदेश की कृषि विकास दर पिछले तीन वर्षों से लगभग 25 प्रतिशत रहती आई है, लेकिन इस वर्ष अल्प वर्षा की वजह से फसलों के लिए विपरीत स्थिति निर्मित हो गई है। इसे चुनौती के रूप में लें और कृषि विकास दर बरकरार रखने के प्रयास करें। यह बात कृषि उत्पादन आयुक्त पी.सी. मीणा ने मोती महल स्थित मान सभागार में आयोजित बैठक में ग्वालियर व चम्बल संभाग के सभी जिला कलेक्टर तथा कृषि से जुड़े विभागों के अधिकारियों से कही। श्री मीणा गुुरुवार को मौजूदा खरीफ एवं प्रस्तावित रबी फ सल की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे।
बैठक में श्री मीणा ने निर्देश दिए कि किसानों को खाद-बीज मिलने में कोई परेशानी न हो। इसके लिए विभागीय समन्वय बनाकर अगले 15 दिनों के भीतर सभी प्राथमिक सहकारी संस्थाओं में बीज की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कराएं। उन्होंने कहा कि निजी खाद की दुकानों पर पैनी निगाह रखें, ताकि खाद की कालाबाजारी न होने पाए। खाद विक्रय में गड़बड़ी करने वाले के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि कहा अल्प वर्षा को ध्यान में रखकर किसानों को व्यापक प्रचार-प्रसार के जरिए बताएं कि कम पानी की फसलेंं कौन-कौन सी हैं। बैठक में किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग के प्रमुख सचिव राजेश राजौरा, पंजीयक सहकारिता मनीष श्रीवास्तव, संभागायुक्त के.के. खरे एवं जिलाधीश डॉ. संजय गोयल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
यह तय हुआ बैठक में
*ग्वालियर व चम्बल संभाग में लगभग 1998 हजार हैक्टेयर रकबे में रबी फसलों की बोनी का लक्ष्य।
*मृदा बचाओ-किसान बचाओ अभियान को गंभीरता से लें।
*सभी पात्र किसानों को दिलाएं फसल बीमा योजना का लाभ।
*करनाल प्रिंट बीज से बचें।
*बीमार पशुओं के इलाज के लिए आपातकालीन सुविधा उपलब्ध हो।
*मछुआरों को मछुआ क्रेडिट कार्ड वितरित कराएं।
