ब्रह्मपुत्र पर चीनी पनबिजली स्टेशन पर भारत रखेगा नजर

नई दिल्ली | चीन की ओर से ब्रह्मपुत्र नदी पर बनाए जाने वाले ‘ज़ाम पनबिजली स्टेशन’ से देश में जलापूर्ति बाधित होने की खबरों के बीच भारत ने आज कहा कि वह हालात पर नजर रखेगा और जरूरत पड़ी तो बीजिंग को अपनी चिंताओं से अवगत कराएगा।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया, ‘जल संसाधन के क्षेत्र में चीन के साथ हमारे विचार-विमर्श का तंत्र काम कर रहा है। चीन ने हमें बार-बार भरोसा दिलाया है कि नदी का पानी का रख कहीं और करने की उसकी कोई मंशा नहीं है और इसके साथ-साथ आगामी सभी परियोजनाएं साधारण परियोजनाएं हैं।’
प्रवक्ता ने बताया, हम नजर रखेंगे और यदि हमें लगेगा कि इस पर हमें अपनी चिंता चीनी पक्ष को बताने की जरूरत है तो हम निश्चित तौर पर ऐसा करेंगे।’ दो दिन पहले चीन ने 1.5 अरब अमेरिकी डॉलर की लागत वाले अपने ज़ाम पनबिजली स्टेशन को चालू किया था। तिब्बत का यह सबसे बड़ा स्टेशन है और इसे ब्रह्मपुत्र नदी पर बनाया गया है। इससे चिंताएं बढ़ी हैं कि भारत को होने वाली जलापूर्ति बाधित हो सकती है।
बांध को चालू करते हुए चीन ने कहा कि वह भारत की चिंताओं का ख्याल रखेगा और इस पर नई दिल्ली के संपर्क में रहेगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता से उस खबर के बारे में भी सवाल पूछे गए जिनमें कहा गया था कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ अपने वॉशिंगटन दौरे के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति को इस बारे में दस्तावेज सौंप सकते हैं कि भारत बलूचिस्तान में अस्थिरता पैदा कर रहा है।
प्रवक्ता ने कहा, ‘वे जो भी चाहें उस मुद्दे को उठा सकते हैं। उन्हें कोई रोक नहीं सकता। लेकिन तथ्य तो खुद अपनी बात कहते हैं।’ उन्होंने ये दस्तावेज पाकिस्तान द्वारा संयुक्त राष्ट्र को सौंपे जाने पर चुटकी लेते हुए कहा कि यूएन को हर रोज करीब 800 ज्ञापन मिलते हैं। उन्होंने कहा, ‘यह देखा जाना अहम होगा कि क्या संयुक्त राष्ट्र महासचिव इस कल्पना को मानते हैं।’

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