अपनी मांगों को मनवाने पांच लाख कर्मचारी रहे अवकाश पर

शासकीय कार्यालयों में पसरा रहा सन्नाटा
भोपाल। प्रदेश के करीब पांच पांच लाख सरकारी कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर आज एक दिन के सामूहिक अवकाश पर रहे। सामूहिक अवकाश में मंत्रालय के कर्मचारी शामिल नहीं थे। सामूहिक अवकाश से भोपाल सहित प्रदेश भर के सरकारी कार्यालयों का कामकाज प्रभावित रहा। कर्मचारी त्रिस्तरीय पदोन्नति, समयमान, वेतनमान सहित अन्य मांगों को लेकर आंदोलित है। सामूहिक अवकाश से जरूरी सेवाएं प्रभावित नहीं हुई, जिनमें पानी सप्लाई, परिवहन, दूध सप्लाई, स्कूल और स्वास्थ्य तथा बिजली सेवाएं शामिल है। मप्र तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ ने दावा कि है कि उनके बैनर तले चल रहे इस आंदोलन को सभी मान्यता प्राप्त और 12 गैर मान्यता प्राप्त कर्मचारी संगठनों का समर्थन है। आंदोलन के छठे चरण में सामूहिक अवकाश लिया गया है। जिसका अल्टीमेटम सरकार को पहले ही दिया जा चुका था। संघ के अध्यक्ष अरूण द्विवेदी ने बताया कि आंदोलन में संविदा, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी, शिक्षक, स्वास्थ्य विभाग, सतपुड़ा, विंध्यांचल, जेल, लोकायुक्त, निर्वाचन आयोग, स्कूल शिक्षा आदि के लिपिकीय कर्मचारी सहित अन्य कर्मचारी शामिल थे।
श्री द्विवेदी ने कहा कि संघ ने 5 चरणों में आंदोलन किया। हर बार सरकार को सूचना दी, पर सरकार ने बात तक नहीं की। इससे कर्मचारियों में आक्रोश है। उन्होनें बताया कि सामूहिक अवकाश पर रहने वाले सभी कर्मचारियों से अवकाश फार्म भरवाये गये है। दोपहर में संघ के समस्त पदाधिकारी एवं विभागीय समिति के पदाधिकारियों की सतपुड़ा भवन के सामने सभीा हुई, जिसके सरकार के कर्मचारी विरोधी रवैया को लेकर नारेबाजी की गयी। कर्मचारियों के सामूहिक अवकाश पर रहने के कारण बुधवार को कलेक्टोरेट, एसडीएम, तहसील समेत अन्य कार्यालयों का कामकाज प्रभावित रहा। अधिकांश कर्मचारी सामूहिक अवकाश पर रहे। राजधानी के सतपुड़ा और विंध्याचल भवन स्थित सभी विभागों के दफ्तरों में भी कामकाज प्रभावित हुआ।
