पेंशन के सत्यापन ने बढ़ाया तनाव

भोपाल। प्रदेश में हजारों पेंशनर्स की पेंशन सत्यापन के फेर में उलझ गई है। पेंशन घोटाले के बाद से ही पेंशन प्रक्रिया को ऑनलाइन और पुख्ता करने की कोशिश चल रही है। इस दौरान बड़ी संख्या में फर्जी पेंशनर्स भी सामने आए, जिसके कारण सत्यापन प्रक्रिया शुरू की गई। अब इसने ही पेंशन को अटका दिया है। प्रदेश के करीब दो दर्जन जिलों में हजारों पेंशनर्स को नवंबर-दिसंबर से पेंशन नहीं बंटी है। इसके पीछे ऑनलाइन ट्रेकिंग करके पेंशनर्स को सत्यापित करने की प्रक्रिया है। प्रदेश में करीब छह महीने पहले करीब डेढ़ लाख पेंशनर्स फर्जी होना पाए गए थे। इसके बाद सत्यापन की प्रक्रिया को माइक्रो लेवल तक अपनाया गया। सामाजिक न्याय विभाग ने सभी जिलों को निर्देश दिए कि बिना सत्यापन के किसी को भी पेंशन नहीं दी जाए।
इसके बाद जिनका सत्यापन नहीं हुआ था, उनकी पेंशन अटक गई है।


37 हजार से ज्यादा पेंशनर्स
सूत्र बताते हैं कि प्रदेशभर में करीब 37 हजार से ज्यादा पेंशनर्स हैं, जिनकी पेंशन विभिन्न कारणों से अटकी हैं। इनमें से अधिकतर की पेंशन निर्धारित समय से लेट हो गई है। इसके पीछे ट्रेकिंग सिस्टम में इनकी ठीक तरह से एंट्री नहीं हो पाना है। वहीं कुछ की डबल एंट्री हो गई है।

इन जिलों में अटकी
भोपाल-इंदौर सहित सागर, सतना, भिंड, ग्वालियर, दतिया, अलीराजपुर, झाबुआ, खरगौन, खंडवा, राजगढ़, हरदा, मंदसौर आदि जिलों मेंं पेंशन अटकी है। इनमें सबसे अधिक स्थिति खराब भोपाल-इंदौर सहित बड़े शहरों की है। यहां सत्यापन में दिक्कतें आ रही हैं।


''प्रदेश में पेंशनर्स को पेंशन दी जा रही है। पेंशनर्स के सत्यापन की प्रक्रिया भी चल रही है। कही पर कोई दिक्कत हैं, तो उसे दूर किया जा रहा है।''
गोपाल भार्गव, मंत्री, सामाजिक न्याय विभाग, मप्र


Next Story