अडूसा गांव में दिखा बाघ, डर से घर में दुबके ग्रामीण

बाघ की तलाश में दिनभर चकरघिन्नी रही वन विभाग की टीम
श्योपुर। सोमवार को दांतरदा पंचायत के अडूसा गांव के ग्रामीण उस समय दहशतजदा हो गए, जब खेतों में बाघ की खबर गांव में फैली, स्थिति यह रही कि ग्रामीण अपने खेतों को छोड़कर घर की ओर भागे और सूचना पुलिस को दी। वहीं सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई तथा बाघ की तलाशी शुरू की, लेकिन बाघ के साथ साथ बाघ के पद चिह्न भी नहीं मिले हैं।
जानकारी अनुसार अडूसा गांव में सुबह 9 बजे चम्बल नहर किनारे कुछ ग्रामीणों ने बाघ को देखा, इससे पहले कि वे कुछ समझ पाते, बाघ खेतों में ओझल हो गया। उधर घबराए ग्रामीणों ने गांव वालों को बाघ के बारे में बताया और पुलिस को मामले की सूचना दी। मानपुर थाना पुलिस नेे वन विभाग के डीएफओ शैलेष दुबे को अवगत कराया। जिन्होंने मौके पर विभाग की टीम को पहुंचाया तथा बाघ की तलाश की। लेकिन दिन भर चली सर्चिंग के बाद भी बाघ का न कोई निशान दिखा और न ही बाघ मिला। यहां बता दें कि बीती 12 जनवरी को भी दांतरदा गांव के आस-पास बाघ को देखा गया था, जिसकी पुष्टि उसके पैरों के निशान से हुई थी। हालांकि बाघ की काफी तलाशी के बाद भी उसका पता नहीं चल सका था।
घरों से बाहर निकलने में घबराए लोग
बाघ होने की सूचना मिलते ही खेतों की रखवाली कर रहे ग्रामीण खेत सूने छोड़ घर की ओर दौड़ पड़े, जब वन विभाग की टीम यहां पहुंची, तब कही जाकर ग्रामीण इनके साथ बाघ को देखने निकले। उधर दोपहर करीबन एक ग्राम सोंईकलां के हार में भी बाघ को देखे जाने की बात सामने आई।
'' मैं जब खेत पर था, तब मैंने खेत किनारे फसल में हलचल देखी। थोड़ी ही देर बाद वहां मुझे बाघ दिखाई दिया। मैं कुछ समझ पाता इसके पहले ही वह ओझल हो गया।''
मांगीलाल मीणा, ग्रामीण, अडूसा
''मुझे इस प्रकार की सूचना मिली थी। सूचना मिलते ही विभाग की टीम वहां पहुंची थी, चूंकि मिट्टी कठोर थी, जिसके चलते पैरों के निशान भी नहीं मिल पाए। वहां नीलगाय हो सकती है, जिसे भ्रम में ग्रामीण बाघ समझ बैठे।''
शैलेष दुबे, डीएफओ
सामान्य वन मण्डल, श्योपुर
