बंद होगी राशन दुकान संचालकों की दलाली


भोपाल। गरीबों का राशन खुले बाजार में बेच देने की शिकायतों पर अंकुश और सस्ता अनाज सही व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली व्यवस्था को और चाक-चौबंद बनाने जा रही है। सरकार की मंशा कमीशन बंद कर फिक्स मानदेय देने की है। टेक्नोलॉजी के जरिए राशन की दुकानों पर सीधे नजर रखने की व्यवस्था भी सरकार करने जा रही है।
कमीशनखोरी और अनाज बाहर बेच देने के लिए बदनाम सार्वजनिक वितरण प्रणाली व्यवस्था को सुधारने के लिए टेक्नोलॉजी की मदद ली जा रही है। अनाज वितरण में लीड सहकारी संस्थाओं की भूमिका खत्म करने के बाद अब खाद्य विभाग सहकारी संस्थाओं को दिया जाने वाला राशन दुकान चलाने का कमीशन खत्म कर रहा है। विभाग दुकान संचालन के लिए सेल्समेन का फिक्स मानदेय देगा। इसके साथ शर्त होगी कि सेल्समेन पूरे समय दुकान खोल कर रखे। उसकी उपस्थिति की निगरानी कम्प्यूटराइज्ड सिस्टम से की जाएगी।

भोपाल में बनेगा कंट्रोल रूम
कंट्रोल की दुकानों के खुलने-बंद होने के समय की मॉनिटरिंग भोपाल से होगी। यहां बने कंट्रोल रूम में सेल्समेन के पीओएस मशीन ऑन करते ही दुकान खुलने का समय दर्ज हो जाएगा। मशीन का संचालन न होने पर पता चल जाएगा कि कार्य नहीं हो रहा है।

तैयार हो रहा है डाटा
हितग्राहियों का कम्प्यूटराइज्ड डाटा तैयार कराया जा रहा है। प्रत्येक राशन दुकान पर एक पीओएस (पाइंट ऑफ सेल) मशीन लगाई जा रही है। इसमें आधार कार्ड पंच करने पर ही राशन वितरण दर्ज होगा। मशीन राशन की मात्रा और हितग्राही के नाम की रसीद तो देगी साथ ही दी गई मात्रा की जानकारी स्पीकर से भी देगी। इससे अनपढ़ व्यक्ति को सुनाई देगा की उसे कितना राशन दिया गया है।
तय समय तक खोलो दुकान
शिकायत मिलती थी कि सहकारी संस्थाएं दो-तीन दिन में दो-चार घंटे ही दुकान खोलती हैं। विभाग ने संसथाओं से कहा है कि फुल टाइम सेल्समेन की व्यवस्था करें, जिसे फिक्स मानदेय दिया जाएगा। मानदेय व्यवस्था कर कमीशन व्यवस्था पूरी तरह से बंद कर दी जाएगी।
संधारण की शर्त में अटकी मशीनें
खाद्य विभाग 23 हजार से ज्यादा राशन दुकानों के लिए पीओएस मशीन खरीद रहा है। इसके लिए टेंडर भी किया जा चुका है लेकिन 16 हजार में एक मशीन दे रही कंपनी उसके सालाना रखरखाव के लिए तैयार नहीं है। इसी कारण खरीदी अटकी हुई है। मेंटेनेंस का मामला सुलझते ही मशीनें खरीदी जाएंगी।

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