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जेल में पुलिस व प्रशासन का छापा

बंदियों पर नहीं मिले मोबाइल व हथियार
ग्वालियर। हाल ही में इंदौर जेल में हुई कैदी की गोली मारकर हत्या से आशंकित जिला एवं पुलिस प्रशासन ने शनिवार को ग्वालियर की केन्द्रीय जेल में छापा मारा। छापे में पुलिस को हथिायार, मोबाइल या नशीले पदार्थ आदि नहीं मिले हैं। संयुक्त दल को एक बंदी के पास 3900 रुपये मिले तथा कुछ बंदियों के पास से बीड़ी, सिगरेट, तम्बाकू, माचिस, लाइटर आदि मिले हैं।
पुलिस और प्रशासन का संयुक्त दल भारी पुलिस बल के साथ सुबह करीब 8:30 बजे जेल परिसर पहुंचा। प्रशासनिक दल का नेतृत्व एसडीएम सुचिस्मिता सक्सेना ने किया जबकि पुलिस अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मोहम्मद यूसुफ कुरैशी के नेतृत्व में पहुंची। इस संयुक्त दल ने जेल की प्रत्येक बैरक में पहुंचकर सभी बंदियों के कपड़े, सामग्री एवं बैरकों की तलाशी ली। इस दौरान आशंका के अनुरूप अवैध हथियार, नशा सामग्री या मोबाइल नहीं मिले। जबकि प्रत्येक बैरक में कई कैदियों के पास से बीड़ी, सिगरेट, पुडिय़ा और माचिस, लाइटर आदि सामग्री मिली। वहीं एक कैदी के पास दल को 3900 रुपये मिले हैं। दल ने नकदी एवं अन्य सामग्री को भी जब्त कर लिया। करीब दो घंटे के निरीक्षण के बाद सुबह 10:30 बजे यह दल जेल से बाहर निकला। जेल में कैदियों की चैकिंग के बाद बाहर निकलीं अनुविभागीय अधिकारी सुचिस्मिता सक्सेना ने कहा कि यह सामान्य निरीक्षण की कार्रवाई थी जिसमें एक कैदी से नकदी एवं अन्य कई कैदियों से बीड़ी, सिगरेट, माचिस जैसी सामग्री मिली है। एएसपी यूसुफ कुरैशी ने कहा कि निरीक्षण के दौरान नकदी मिलने पर जो भी वैधानिक कार्रवाई होगी की जाएगी।

अधीनस्थों को नहीं दी जानकारी
केन्द्रीय जेल में छापा मारा जाना है यह जानकारी वरिष्ठ पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियेां ने अपने अधीनस्थ अधिकारियों एवं कर्मचारियों को नहीं दी। उन्हें सिर्फ बुलवाया गया था। छापा मारने गए कई लोगों को अनुमान था कि छापा सिंधिया स्कूल पर डाला जा सकता है। हालांकि जेल में पहुंचने के बाद उन्हें सच्चाई पता चली। इस गुप्त कार्रवाई का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि दल में शामिल तहसीलदार अनिल राघव स्वयं अपनी नीली बत्ती की गाड़ी चलाकर कार्रवाई में शामिल होने पहुंचे। 

Updated : 7 Sep 2014 12:00 AM GMT
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