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प्राचीन बड़े गोविन्द मंदिर में चोरी

*400 वर्ष पुरानी प्राचीन मूर्ति भी टूटी

* पुुलिस ने मूर्ति चोर पकड़ा

दतिया। शहर के प्राचीन बड़े गोविन्द मंदिर से चोरों ने दरवाजे तोड़कर मूर्ति से जेवरात चोरी कर लिए। वहीं मंदिर में एक मूर्ति टूटी मिली है। चोर चोरी कर मंदिर से बाहर निकले तो एक युवक ने उन्हें देख लिया और दौड़कर चोर को पकड़ा तो वह बैग छोड़ कर भाग गया। सूचना मिलने पर पुलिस भी पहुंच गई थी।
जानकारी के अनुसार मंदिर में स्थापित प्राचीन 400 वर्ष पुरानी बलदाउ भगवान की मूर्ति भी मंदिर में टूटी मिली है। ऐसा माना जा रहा है कि चोरों ने जब मूर्ति से जेवरात उतारे तब वह सिंहासन से गिरकर टूटी है। बताया गया है सुबह चार बजे मंदिर से चोरी करने के बाद चोर बाहर निकले तो यह घूमने निकले दिवाकर पस्तौर को देखकर भागने लगे। तो दिवाकर ने दौड़कर एक चोर को पकड़ा तो वह बेग छोड़ कर भाग गया और एक बेग अपने साथ ले गया।
सूचना मिलते ही पुलिस अधिकारी आरपी सिंह बल सहित मौके पर पहुंचे और मामले की जांच में जुट गए। नाकेबंदी कर पुलिस ने विभिन्न स्थानों पर दबिश दी तो पुलिस ने रेलवे स्टेशन पर खड़ व्यक्ति से पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ की तो उसने सच उगल दिया। आरोपी न अपना नाम सोनू दुबे उर्फ सुनील चक्का पुत्र बृजकिशोर निवासी छोटा बाजार बाताया है।
बाजार रहा बंद
मंदिर से चोरी की घटना के बाद चोर की गिरफ्तारी को लेकर व्यापारियों ने बाजार बंद रखे थे। लेकिन चोर की गिरफ्तारी के बाद बाजार खुल गए।
विश्व हिन्दू परिषद ने ज्ञापन सौंपा
मंदिर की सुरक्षा हेतु विश्व हिन्दू परिषद ने जिलाधीश के नाम ज्ञापन सौंपा उन्होंने बताया कि गोविंद जी मंदिर पर हमारे आराध्य देव भगवान की मूर्ति के आभूषण की चोरी तथा मूर्ति को खण्डित होने की घटना से हिन्दू समाज को बहुत दुख हुआ है। उन्होंने आरोपी को गिरफ्तार करने एवं मंदिर में तत्काल सुरक्षा व्यवस्था स्थाई रूप से करने हेतु ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में जिला संयोजक अरूण जोशी, नरेन्द्र साहू, दीपक सोलंकी, अंकित शर्मा, कपिल सोलंकी, राघवेन्द्र सिंह बुन्देला, मैथलीशरण दुबे, मलखान सिंह रावत, सुनील अवस्थी।

इनका कहना है
गोविन्द मंदिर में हुई चोरी एक दुखद घटना है चोर को पकडऩे में स्थानीय दो लोगों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है जिसके आधार पर पुलिस टीम ने नाकेबंदी कर शातिर चोर को धर दबोचा।
आरपी सिंह
पुलिस अधीक्षक
चोरों ने किवाड़ों से चांदी उतारी और भगवान के जेवरात उतारे मंदिर में रखा हुआ प्रसाद भी खाया है।
गोस्वामी
मंदिर पुजारी 

Updated : 4 Sep 2014 12:00 AM GMT
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