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जर्जर टे्रक बना नैरोगेज ट्रेनों की रफ्तार में बाधक

मुरैना । श्योपुर-ग्वालियर नैरोगेज ट्रेन की रफ्तार में बदहाल रेलवे लाइन बाधक बनी हुई है। रेल की पटरियां बिना रख-रखाव के कारण जर्जर हो चुकी हंै। जिससे ट्रेन अपनी रफ्तार से समयावधि में नहीं पहुंचकर कई घंटे विलंब से पहुंचती है।
ज्ञातव्य रहे कि देश की मात्र एक नैरोगेज ट्रेन श्योपुर से ग्वालियर तक चलते हुए सुमावली, जौरा, कैलारस, सबलगढ़, रामपुर, विजयपुर तथा श्योपुर तक प्रतिदिन हजारों यात्री यात्रा करते हंै लेकिन रेलवे प्रशासन की उदासीनता के चलते रेल की पटरियां जर्जर हो चुकी हंै जिससे टे्रेन अपनी रफ्तार से नहीं चल पाती है। आये दिन नैरोगेज ट्रेन के इंजन के खराब होने के कारण भी यात्रियों को कई घंटों के विलंब से यात्रा करने के लिये मजबूर होना पड़ता है। यहां बता दें कि रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों ने पटरियों की जर्जर हालत को देखते हुये ट्रेन की रफ्तार धीमे करने के फरमार ट्रेन चालकों को दे दिया है लेकिन जर्जर पटरियों को सुधारने के लिये आज तक कोई आदेश जारी नहीं किया है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार विगत 20 वर्षो से रेल की पटरी के गिट्टी नहीं डाली गई है जिससे रेल की पटरियां जर्जर हो चुकी हंै। नैरोगेज ट्रेन में रेलवे प्रशासन द्वारा यात्रियों की सुविधाओं पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है टे्रन के डिब्बों की खिड़कियां, दरवाजे तथा गेटों का टूटा होना प्रमाण के लिये काफी है।

Updated : 3 Sep 2014 12:00 AM GMT
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