तीरंदाजों और स्क्वाश खिलाड़ियों के सुनहरे प्रदर्शन से भारत 11वें स्थान पर

तीरंदाजों और स्क्वाश खिलाड़ियों के सुनहरे प्रदर्शन से भारत 11वें स्थान पर
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इंचियोन | पुरूषों की स्क्वाश और तीरंदाजी टीमों के ऐतिहासिक स्वर्ण की बदौलत 17वें एशियाई खेलों में आज का दिन भारत के लिये सबसे शुभ रहा जिसमें 11 पदक जीतकर भारत पदक तालिका में 11वें स्थान पर पहुंच गया। दिन के हीरो युवा तीरंदाज अभिषेक वर्मा रहे जिन्होंने रजत चौहान और संदीप कुमार के साथ मिलकर कंपाउंड टीम स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीता। उन्हें हालांकि गेयांग एशियाड तीरंदाजी फील्ड में व्यक्तिगत स्पर्धा में फाइनल में हार के साथ रजत पदक से संतोष करना पड़ा। इसके बाद सौरव घोषाल की अगुवाई में पुरूष स्क्वाश टीम ने स्वर्ण जीता जबकि दीपिका पल्लीकल, अनाका अलंकामोनी और जोशना चिनप्पा की भारतीय महिला स्क्वाश टीम को भी फाइनल में मलेशिया के हाथों शिकस्त के बाद रजत पदक मिला।
एथलीट ललिता बाबर ने महिलाओं की 3000 मीटर स्टीपलचेस में रजत पदक जीता जबकि निशानेबाज चैन सिंह (50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन), तीरंदाज त्रिशा देब (महिला कंपाउंड व्यक्तिगत) , महिला कुश्ती में विनेश फोगाट (महिलाओं का 48 किलोवर्ग), गीतिका जाखड़ (महिलाओं का 63 किलो) और एथलीट सुधा सिंह (महिलाओं की 3000 मीटर स्टीपलचेस) ने कांस्य पदक जीता। वहीं त्रिशा, पूर्वशा शेंदे और ज्योति सुरेखा वेनाम की तीरंदाजी महिला कंपाउंड टीम भी कांस्य पदक जीतने में सफल रही।
आज 11 और पदक जीतने के बाद भारत कल के 16वें स्थान से छलांग लगाते हुए 11वें स्थान पर पहुंच गया है। भारत के तीन स्वर्ण, पांच रजत और 20 कांस्य पदक हैं। चीन 195 पदक (96 स्वर्ण, 58 रजत और 41 कांस्य) के साथ शीर्ष पर चल रहा है जबकि उसके बाद मेजबान दक्षिण कोरिया (35 स्वर्ण, 42 रजत और 40 कांस्य) और जापान (32 स्वर्ण, 43 रजत और 38 कांस्य) का नंबर आता है। टेनिस में भारतीय खिलाड़ियों के सेमीफाइनल में पहुंचने से कम से कम पांच कांस्य पक्के हो गए।
भारतीय मुक्केबाजों ने भी आज अच्छा प्रदर्शन किया जबकि पुरूष हाकी टीम ने भी अपने अंतिम पूल बी मैच में चीन को 2-0 से हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश करके पदक की उम्मीदें जीवंत रखी। आज का दिन हालांकि तीरंदाजों के नाम रहा जिन्होंने प्रबल दावेदार दक्षिण कोरिया को पछाड़कर पहली बार टीम कंपाउंड स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीता। कुश्ती में ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता विनेश ने कांस्य पदक के मुकाबले में दो मिनट 31 मिनट के भीतर मंगोलिया की नारंगेरेल अर्डेनेसुख को हराया। रैफरी ने उस समय मुकाबला रोक दिया जब विनेश ने 10-0 से बढ़त बना ली थी।
गीतिका ने कांस्य पदक के मुकाबले में वियतनाम की लि थि हियेन को 55 सेकंड में मात दी। एथलेटिक्स में बाबर और सुधा सिंह ने नाटकीय परिस्थितियों में 3000 मीटर स्टीपलचेस में भारत को क्रमश: रजत और कांस्य पदक दिलाये जिसके साथ भारत ने इसमें खाता खोला। बाबर ने कांस्य जीता था जबकि गत चैम्पियन सुधा चौथे स्थान पर रही थी लेकिन स्वर्ण पदक विजेता बहरीन की रूथ जेबेट को अयोग्य करार दिये जाने के बाद बाबर को रजत और सुधा को कांस्य मिला।
दिन की शुरूआत महिला तीरंदाजी टीम ने ईरान को तीसरे स्थान के प्ले आफ में हराकर कांस्य पदक जीतकर की। बाद में त्रिशा ने व्यक्तिगत वर्ग का भी कांस्य पदक जीता। पुरूष टीम में शामिल रजत, संदीप और अभिषेक ने दक्षिण कोरिया की मेजबान टीम को 227-225 से हराकर दो अंक के अंतर से जीत दर्ज की। यहां इस स्पर्धा ने पदार्पण किया है और यह ओलंपिक खेलों का हिस्सा नहीं है।
यह भारत का तीरंदाजी में दिन का दूसरा पदक था जो त्रिशा, पूर्वशा और ज्योति के कांस्य पदक के मुकाबले में ईरान को 224-217 से हराने के सिर्फ एक घंटे बाद मिला। बाद में वर्मा व्यक्तिगत फाइनल में ईरान के इस्माइल इबादी से 141-145 से हार गए जिससे उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा। कंपाउंड टीम ने इस तरह से शानदार प्रदर्शन करते हुए कुछ हद तक रिकर्व तीरंदाजों के खराब प्रदर्शन की भरपाई की। त्रिशा ने महिला व्यक्तिगत वर्ग में चीनी ताइपे की हुआंग जोउ को 138-134 से हराकर कांस्य पदक जीता। यह भारतीय खिलाड़ी पदक जीतने में भाग्यशाली रही क्योंकि वह अंतिम तीर तक अपनी प्रतिद्वंद्वी से पिछड़ रही थी।
निशानेबाजी में चैन सिंह ने अपने से अधिक अनुभवी गगन नारंग और संजीव राजपूत को पीछे छोड़ते हुए 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन में कांस्य पदक जीता। यह भारतीय निशानेबाज 441.7 अंक के साथ चीन के निशानेबाजों केओ यीफेई (455.5) और झू किनान (455.2) के बाद तीसरे स्थान पर रहा। चैन सिंह ने क्वालीफायर में सातवें स्थान पर रहते हुए फाइनल में जगह बनाई थी जबकि गगन और संजीव क्रमश: 12वें और 15वें स्थान पर रहते हुए फाइनल में प्रवेश करने में नाकाम रहे।
स्क्वाश में घोषाल की अगुआई वाली पुरूष टीम ने फाइनल में मलेशिया को दो घंटे और 26 मिनट चले मुकाबले में 2-0 से हराकर स्वर्ण पदक जीता। भारत के लिए सबसे पहले हरिंदर पाल सिंह संधू कोर्ट पर उतरे जिन्होंने इसकंदर मोहम्मद अजलान बिन को 58 मिनट में 11-8, 11-6, 8-11, 11-4 से हराकर भारत को सकारात्मक शुरूआत दिलाई।
दुनिया के 16वें नंबर के खिलाड़ी घोषाल ने इसके बाद पहला गेम गंवाने के बाद जोरदार वापसी करते हुए दुनिया के सातवें नंबर के खिलाड़ी ओंग बेंग ली को 88 मिनट में 6-11, 11-7, 11-6, 12-14, 11-9 से हराकर भारत 2-0 की निर्णायक बढ़त दिलाई। घोषाल ने इससे पहले ओंग के खिलाफ एक मुकाबला जीता है जबकि एक में उन्हें शिकस्त का सामना करना पड़ा था।
महिला टीम को रजत पदक से संतोष करना पड़ा लेकिन यह पदक जीतकर भी टीम ने इतिहास रचा। टीम को मलेशिया से 0-2 से पराजय मिली। दीपिका पल्लीकल और अनाका अलंकामोनी एक घंटे से अधिक चले मुकाबले में अपने अपने मैच हार गई। अनाका ने भारत के लिये शुरूआत की लेकिन उन्हें ओडेटे अर्नोल्ड डेलिया के खिलाफ 43 मिनट में 9-11, 10-12, 2-11 से हार झेलनी पड़ी। दीपिका पल्लीकल भी इसके बाद दुनिया की नंबर एक निकोल डेविड से 29 मिनट में 7-11, 6-11, 3-11 से हार गयीं। इस भारतीय खिलाड़ी को व्यक्तिगत वर्ग के सेमीफाइनल में भी डेविड के हाथों शिकस्त का सामना करना पड़ा था।
शीर्ष एकल खिलाड़ी सौरव घोषाल ने व्यक्तिगत स्पर्धा में रजत पदक हासिल किया था जो एशियाई खेलों के स्क्वाश में पहला पदक था। पल्लीकल ने महिला एकल में कांस्य पदक जीता था जो भारत का महिला स्क्वाश में पहला पदक था। इससे अलावा मुक्केबाजी रिंग से भी अच्छी खबर आई। ओलंपिक कांस्य पदक विजेता एमसी मैरीकाम ने अपने अभियान का शानदार आगाज करते हुए कोरिया की किम येजी को हराकर क्वार्टर फाइनल में प्रवेश कर लिया।
भारत की एल सरिता देवी (60 किलो) और पूजा रानी (75 किलो) भी अंतिम आठ में पहुंच गई। सरिता ने कोरिया की चुंगसोन रि को 3-0 से हराया जबकि पूजा ने प्री क्वार्टर फाइनल में मंगोलिया की अर्डेनेसोयोल उंडराम को शिकस्त दी। भारत की महिला वालीबाल टीम हालांकि चीन के हाथों क्वार्टर फाइनल में सीधे गेम में हार के साथ प्रतियोगिता से बाहर हो गई। भारतीय टीम को चीन की मजबूत टीम के हाथों 54 मिनट में 0-3 (11-25, 12-25, 10-25) से शिकस्त झेलनी पड़ी। भारतीय टेनिस खिलाड़ियों ने पांच स्पर्धाओं में कम से कम कांस्य पदक पक्के कर लिये। युकी भांबरी पुरूष एकल सेमीफाइनल में पहुंच गए जबकि पुरूष युगल में साकेत मायनेनी और सनम सिंह, युकी और दिविज शरण, महिला युगल में सानिया मिर्जा और प्रार्थना थोंबरे और मिश्रित युगल में सानिया और साकेत ने अंतिम चार में जगह बनाई। भारतीयों के लिये टेनिस में एकमात्र निराशाजनक नतीजा सनम सिंह का पुरूष एकल क्वार्टर फाइनल से बाहर होना लगा।

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