जनमानस

टेम्पो चालकों की मनमानी

ग्वालियर के आम लोगों की भागमभाग जिंदगी का सफर टेम्पो में ही तय होता है। चाहे स्कूल, कॉलेज के बच्चे हों, व्यापारी हों, नौकरी पेशा हों या फिर रोजमर्रा के कामकाजी, अधिकांश लोगों के मुख्य यातायात का साधन टेम्पो ही है। यहां के जनसाधारण को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इस हेतु यहां के नगर प्रशासन ने अलग-अलग मार्ग के लिए अलग-अलग नम्बर के टेम्पो निर्धारित किए हैं। प्रशासन द्वारा निर्धारित किराया सूची भी गाड़ी में पेन्ट द्वारा लिखना अनिवार्य किया गया है।
इसके बावजूद टेम्पो चालकों की मनमानी अपने चरम पर है। गाडिय़ों का मार्ग निर्धारित होने के बाद भी सवारियों को गन्तव्य तक न पहुंचाना एवं किराया सूची को ताक पर रख कर मनमाने ढंग से किराया वसूलना इनका धर्म बन चुका है। किराया देते समय किराया सूची की बात करते ही ये भड़क जाते हैं एवं झगड़े और गाली गलौच पर उतारू हो जाते हैं।
परेशान आदमी इनके मुंह लगने के बजाय न चाहते हुए भी इस मूक भ्रष्टाचार की बलि चढ़ जाता है। इस दिशा में प्रशासन की चुप्पी इन टेम्पो चालकों के साथ किसी गुप्त अनुबंध को प्रदर्शित करती है। सच कहा जाए तो टेम्पो में चलने वाले लोग एक मूक आक्रोश में चलते हैं। यह आक्रोश कभी भी एक विस्फोट का रूप धारण कर सकता है। अत: ग्वालियर के नगर प्रशासन को इस ओर विशेष ध्यान देना चाहिए। प्रत्येक मार्ग के टेम्पो को उनके गन्तव्य तक जाने के लिए बाध्यता की व्यवस्था की जाए।
कु. प्रशंसा, ग्वालियर

Next Story