बिना पहचान के गरबा में नहीं मिलेगा प्रवेश

भोपाल। नवरात्र में गरबा के दौरान पहचान पत्र अनिवार्य किया जाएगा। इसके लिए सभी समाज के लोगों का एक प्रतिनिधिमंडल कल सुबह 11 बजे कलेक्टर से मिलेगा। गरबे के दौरान किसी भी तरह की अश्लीलता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस दौरान कहा गया कि मुस्लिम समाज के लोगों का गरबे में स्वागत है पर वे अपने मां, बहन, बेटी के साथ आयोजन में शरीक हों ताकि अश्लीलता और छेड़छाड़ की स्थिति नहीं बने।
सोमवार को मानस भवन में गरबे के दौरान प्रवेश देने को लेकर सभी संबंधित वर्गों के लोगों की बैठक में आए सुझावों के बाद यह फैसला लिया गया। इस दौरान विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि गरबा उत्सव को हम नहीं रोक सकते। इसे बढ़ावा देना चाहिए, लेकिन इसमें गरिमा का भी ध्यान रखा जाए। हम देवी की आराधना करते हैं। हिन्दू उत्सव समिति अध्यक्ष नारायण सिंह कुशवाह ने कहा कि गरबे के अंदर मुस्लिमों का प्रतिबंध होना चाहिए। हम उनकी हजयात्रा और अन्य कार्यक्रमों में नहीं जाते। ये देवी की आराधना का पर्व है। बैठक में गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष ज्ञानी दिलीप सिंह ने कहा कि गुरुवाणी में कहा गया है कि जब तक अपनी जिन्दगी है, तब तक पराई औरत को सपने में भी नहीं आने देना चाहिए। प्रवेश पहचान पत्र देखकर ही देना चाहिए। जैन समाज के कमल अजमेरा ने कहा कि गरबे में हम ज्योति की स्थापना करते हैं। गरबे की अपनी स्वच्छता, मर्यादा होनी चाहिए। आईडी कार्ड देखकर ही प्रवेश देना चाहिए।
बजरंग दल के कमलेश ठाकुर ने कहा कि गरबे में अश्लीलता नहीं होना चाहिए। संस्कृति बचाओ मंच के चंद्रशेखर तिवारी ने कहा कि गौमूत्र व पंचगव्य का सेवन कराकर ही लोगों को प्रवेश दिया जाना चाहिए।
भंते शाक्य पुत्रसागर का कहना है कि कुछ लोग हमारे त्यौहार में आकर शरारत करते हैं, हमें एक ऐसे दल का गठन करना चाहिए जो शांति से इन समस्याओं को हल कर सके। गुजराती समाज के संजय पटेल का कहना था कि गरबे में जींस और टीशर्ट में गरबा करने पर प्रतिबंध है। बैठक में चंद्रमादास त्यागी, पुष्करानंद महाराज, रवि गंगरानी, शैलेन्द्र निगम समेत अन्य लोग मौजूुद थे।