पुलिस मुठभेड़ों की जांच तक किसी को न दी जाए पदोन्नति: उच्चत्तम न्यायाल

नई दिल्ली। उच्चत्तम न्यायालय ने फर्जी मुठभेड़ मामलों की स्वतंत्र जांच राज्य पुलिस की सीबीसीआईडी से कराने तथा मुठभेड़ की सत्यता साबित होने तक संबंधित सुरक्षाकर्मियों को वीरता पुरस्कार न देने के निर्देश दिये हैं। मुख्य न्यायाधीश आर एम लोढा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खण्डपीठ ने पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टी की याचिका पर आज अपने आदेश में यह निर्देश दिया। अपने निर्देश में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि फर्जी मुठभेड़ मामलों की स्वतंत्र जांच सीबीसीआईडी से कराई जायेगी। शीर्ष अदालत ने मानवाधिकार आयोग को भी आगाह किया कि वह प्रत्येक मामले में तब तक हस्तक्षेप न करे, जब तक मुठभेड़ के फर्जी होने की आशंका प्रबल न हो।
न्यायालय ने अपने दिशा निर्देश में कहा है कि सरकार उन सुरक्षाकर्मियों को तब तक वीरता पुरस्कार न दे, जब तक संबंधित मुठभेड़ की सत्यता स्थापित न हो जाये। न्यायालय ने मुठभेड़ में इस्तेमाल हथियारों को तत्काल जमा कराये जाने के भी निर्देश दिये हैं।