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मुख्यमंत्री हेल्पलाइन को अनदेखा कर रहे हैं बैंक अधिकारी

दबोह। म.प्र. के मुख्यमत्री ने जनमानस की शिकायतें तथा उसके निराकरण के लिए प्रदेश में मुख्यमंत्री हेल्पलाइन सेवा प्रारंभ की है। मगर दबोह यूको बैंक में पदस्थ मैनेजर ने मुख्यमंत्री हेल्पलाईन को अनदेखा कर इस योजना की धज्जियां उड़ा दी हैं।
एक जानकारी के अनुसार दबोह के गरीब लोगों ने मुख्यमंत्री हेल्पलाईन पर बैंक से अनुदान न मिलने की शिकायत दर्ज कराई थी। जिसके बाद हेल्पलाईन से शिकायतकर्ता के पास यूको बैंक मैनेजर का फोन नंबर मांगा गया। शिकायतकर्ता के पास मैनेजर का फोन नं न होने की बात की गई जिस पर हेल्पलाईन ने शिकायतकर्ता से यूको बैंक मैनेजर से अपने सैलफोन से बात कराने को कहा जब शिकायतकर्ता दबोह यूको बैंक में पहुंचा तो उसने मैनेजर से मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर बात करने को कहा मगर दबोह बैंक में पदस्थ मैनेजर ने मुख्यमंत्री हेल्पालाइन पर बात करने से मना कर दिया। साथ ही श्सिकायतकर्ता से कहा कि मुख्यमंत्री हेल्पलाईन क्या कर लेगी काम मुझे करना है मैं जब चाहूंगा तब ही अनुदान दूंगा।
मामला यह था
दबोह नगर परिषद ने मुख्यमंत्री की एक योजना के अंतर्गत कामकाजी महिलाओं तथा हाथठेला मजदूरी करने वाले लोगों के फार्म भरवाए थे बाद में नगर परिषद ने इन आवेदकों से दबोह यूको बैंक में खाता खोलने के लिए कहा जिस पर दबोह के आवेदकों ने यूकों बैंक में 500 रुपए जमा कर अपने-अपने खाते खुलवा लिए मगर दबोह बैंक से उन्हें आज तक एक भी पैसा अनुदान नहीं मिला, आवेदक जब भी बैंक मैनेजर से बात करते हैं तो हर रोज मैनेजर एक नया बहाना बना कर टाल देते हैं जिस पर कुछ आवेदकों ने हार कर मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में अपनी शिकायत दर्ज कराई लेकिन दबोह यूको बैंक मैनेजर ने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन को भी अनदेखा कर यह साबित कर दिया कि मुख्यमंत्री हेल्पलाइन भी हमसे बढ़कर नहीं है देखना है कि मुख्यमंत्री हेल्पलाइन इस बैंक मैनेजर के खिलाफ कौन सा कदम उठाएगी। जिससे आवेदकों को अनुदान मिल सके वह अपनी स्वयं का धंधा कर सके।


Updated : 2 Sep 2014 12:00 AM GMT
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