जिले में मलेरिया का कहर, अब तक पांच की मौत

भोपाल से आए ज्वाइंट डायरेक्टर ने किया झंडा गांव का भ्रमण

शिवपुरी। नरवर ब्लॉक के ग्राम झंडा में अज्ञात बीमारी का कहर टूट पड़ा है जिससे अभी तक पांच मौतें हो चुकी हैं और गांव के अधिकांश लोग बेहोशी की हालत में इलाज के लिए शिवपुरी आए हैं जिसका निरीक्षण करने भोपाल से ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ. मोहन सिंह डॉ. पालीवाल ग्राम झंडा पहुंचे। वहीं सीएमएचओ एसएन उदयपुरिया का कहना है कि अभी तक उन पांच मौतों का कारण ज्ञात नहीं हो सका है कि उनकी मौत मलेरिया से हुईं हैं या फिर मस्तिष्क ज्वर के कारण, तीन दिन में 250-300 जांचें की गईं हैं जिनमें से दो फैल्सीफेरम व 14 बाइवैक्स के मरीज मिले हैं और डेंगू की जांच के सैम्पल भी ग्वालियर पहुंचा दिए हैं जिसकी रिपोर्ट आज शाम या कल सुबह तक आ जाएगी।
विदित हो कि पिछले काफी समय से जिले में मलेरिया रोग फैल रहा था जिसकी जानकारी शासन-प्रशासन को आए दिन मिल रही थी, लेकिन किसी ने भी इस पर ध्यान नहीं दिया और उसकी परिणति यह हुई कि मलेरिया से अब तक पांच मौतें हो गईं और जब प्रशासन पर दबाव आया तो भोपाल तक सक्रियता बढ़ गई।
अभी हाल ही में ग्राम झंडा में 20 वर्षीय युवती हेमा ठाकुर की इसी रहस्यमय बीमारी से मौत हो चुकी है। वहीं अभी तक 33 लोग इस बीमारी से ग्रसित होकर जिला अस्पताल में इलाज करा रहे हैं जिनमें बच्चे भी शामिल हैं। एक ही गांव में इतने लोगों पर बीमारी का कहर टूटने से जिलेभर में मलेरिया का भय बना हुआ है।
ग्राम झंडा के प्रहलाद जादौन, पूनम ठाकुर, सरस्वती ठाकुर, जुम्मा ठाकुर, आशा तोमर, सुमन तोमर, राजकुमार ठाकुर, हरिकिशन जाटव, बती बाई ठाकुर, रवि तोमर, पूजा ठाकुर, सीमा जाटव, कृष्णकांत सेन, रमाकांत सेन, रंजना सेन, रानी सेन, राकेश सेन, मनीराम सेन, बबीता जाटव, मीनासिंह, दीक्षा, संध्या ओझा, प्रेम बाई ओझा, मंजू सेन व दीक्षा सेन अभी भी जिला अस्पताल में उपचार करा रहे हैं।
12 वर्षों से रिक्त पड़ा है मलेरिया अधिकारी का पद
बताया जाता है कि वर्ष 2002 में अखिलेश दुबे को शिवपुरी में मलेरिया अधिकारी के पद पर पदस्थ कराया गया था, लेकिन श्री दुबे ने शिवपुरी में अपना पदभार नहीं संभाला इस कारण आज तक यह पद रिक्त पड़ा है। तब से लेकर अब तक इस पद पर प्रभारी जिला मलेरिया अधिकारी के रूप में श्रीमती अलका त्रिवेदी पदस्थ हैं जिनकी मूल
पदस्थी कोलारस में प्रसूता चिकित्सा अधिकारी के रूप में है। इस कारण भी मलेरिया की रोकथाम के कोई उपाय नहीं किए जा सके क्योंकि जिन्हें मलेरिया विभाग का प्रभारी बनाया गया है उन्हें इसकी जानकारी भी नहीं है। ऐसी स्थिति में इस रोग पर काबू कैसे पाया जा सकता है।

पांच में से तीन मौतों के कारण हुए स्पष्ट: डॉ. सिंह
ग्राम झंडा में अभी तक हुई पांच मौतों में से तीन मौतों के कारण स्पष्ट हो चुके हैं जिनकी जांच भोपाल से आए ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ. मोहन सिंह कर रहे हैं। उनका कहना है कि पांच में से एक मौत कैंसर से हुई जबकि दूसरी मौत टीबी व तीसरी अन्य बीमार से हुई है जो जांच में सिद्ध हुआ है, शेष दो मौतों की जानकारी वे अपने स्तर पर लगाने का प्रयास कर रहे हैं। डॉ. पालीवाल व सीएमएचओ एसएन उदयपुरिया सहित जिला चिकित्सालय में पदस्थ विशेषज्ञ भी मौजूद हैं और वहे इस रोग की रोकथाम के उपाय खोज रहे हैं और शीघ्र ही वे इस पर काबू पा लेंगे। वहीं उनका कहना है कि जिले में पिछले 12 वर्षों से जिला मलेरिया अधिकारी का पद रिक्त पड़ा है इससे वह शासन को अवगत कराएंगे।

जिले में मलेरिया का कहर, अब तक पांच की मौत
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