आवासीय क्षेत्र का हो सकेगा व्यावसायिक उपयोग

ग्वालियर। शहर में व्यवसायिक गतिविधियां अधिक हों इसके लिए अब आवासीय क्षेत्र को व्यवसायिक क्षेत्र में परिवर्तित किए जाने की आसानी से मंजूरी मिल जाएगी। इसका प्रावधान शुक्रवार को लागू हुए मास्टर प्लान वर्ष 2021 में किया गया है।
शहर को तभी विकसित कहा जा सकता है जब उसमें अधिक से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध हों। इसी को ध्यान में रखते हुए शुक्रवार को लागू हुए मास्टर प्लान में प्रावधान किया गया है कि 4000 वर्ग मीटर में बसे आवासीय क्षेत्र को परिवर्तित कर उसका उपयोग व्यवसायिक क्षेत्र के रूप में किया जा सकता है। इस परिवर्तन के लिए हितग्राही को अब आसानी से मंजूरी मिल जाएगी लेकिन इसके साथ ही यह शर्त भी जोड़ी गई है कि उस क्षेत्र के ठीक सामने से 80 फुट चौड़ी सड़क होनी चाहिए।
यहां बनेंगे रेलवे ओवर ब्रिज
* गांधी मार्ग एवं सिंधिया स्कूल के बीच।
* चन्द्रवदनी नाके से न्यू कलेक्ट्रेट मार्ग।
* शताब्दीपुरम-गंगा मालनपुर।
* बाराघाटा अन्डरपास का विस्तार (फोरलेन)
* सैनिक पेट्रोल पम्प अन्डरपास का विस्तार (फोरलेन)
* पन्त नगर-महलगांव का विस्तार (टू-लेन)
राष्ट्रीय राज्यमार्ग के एक ओर आवास तथा दूसरी ओर कृषिक्षेत्र
शहर के विकास के साथ-साथ कृषिभूमि भी सुरक्षित रहे इसका प्रावधान भी मास्टर प्लान में किया गया है। मास्टर प्लान के तहत राष्ट्रीय राज्यमार्ग के अंदर वाले क्षेत्र को आवासीय रूप में इस्तेमाल किया जाएगा जबकि बाहरी क्षेत्र का कृषि के लिए उपयोग होगा। कृषि भूमि का किसी भी प्रकार के आवासीय एवं व्यवसायिक रूप में उपयोग की अनुमति नहीं दी जाएगी।
साडा वायपास से जुड़ेगा यातायात नगर
शहर की गतिविधियों को बनाए रखने के लिए यातायात नगर को साडा क्षेत्र से गुजरने वाले वायपास से जोड़ा जाएगा।
700 हैक्टेयर में लगेंगे उद्योग
शहर में ओद्योगिक विकास के लिए मास्टर प्लान में 700 हैक्टेयर भूमि का चयन किया गया है। जिसके चलते रायरू के पास और भिण्ड मार्ग पर औद्योगिक क्षेत्र का विकास किया जाएगा।
शहर विकास के लिए है मास्टर प्लान
चेम्बर उपाध्यक्ष डॉ. प्रवीण अग्रवाल का कहना है कि नया मास्टर प्लान शहर विकास की योजना के लिए है। मास्टर प्लान में जो खाका बनाया गया है, उसी पर काम होना चाहिए। तभी शहर को इसका लाभ मिलेगा। जिस प्रकार से लक्ष्मीबाई कॉलोनी के सामने फुट ओवर ब्रिज तो बना दिया लेकिन उसका उपयोग नहीं हो रहा है। कागजों पर बनी योजनाएं जब धरातल पर उतरेंगी तभी ग्वालियर शहर का विकास हो सकेगा। उन्होंने कहा कि वैसे नवीन मास्टर प्लान स्वागत योग्य है।
पार्किंग की समस्या से मिलेगी निजात
सराफा व्यापार संघ के सचिव महेश जैन ने कहा कि मास्टर प्लान देर से ही लागू हुआ, मगर हुआ तो सही। श्री जैन ने कहा कि शहर में पार्किंग की समस्या विकराल रूप ले रही है। सराफा और टोपी बाजार में हालत यह है कि शाम के समय यहां से निकलना मुश्किल हो जाता है। आधे से अधिक रोड पर वाहन खड़े हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि इस मास्टर प्लान के लागू होने से शहर का विकास तो होगा ही, पार्किंग की समस्या से भी निजात मिलेगी।
सहज होंगे फ्लैट खरीदना
प्रोपर्टी डीलर उमेश भारद्वाज ने बताया कि नवीन मास्टर प्लान में ईमारतों की मंजिले बढऩे से कीमतों में अवश्य उतार आएगा। श्री भारद्वाज कहा कि ग्वालियर में बिकने वाले फ्लैट इंदौर और भोपाल की कीमतों पर बिक सकते हैं। उन्होंने कहा कि भोपाल में टू बीएच के 15 से 20 लाख एवं थ्री बीएचके 30 से 35 लाख में सहज उपलब्ध हो जाते हैं।