राहत अभियान युद्ध स्तर पर जारी, अब भी मदद के इंतजार में लाखों लोग
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श्रीनगर | बाढ़ प्रभावित जम्मू एवं कश्मीर में 76,500 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। राहत-बचाव कार्य व्यापक पैमाने पर काफी तेजी जारी हैं, वहीं अब भी लाखों लोग अलग-अलग स्थानों पर फंसे हुए हैं। हालांकि, बुधवार को नदियों का जलस्तर कम हुआ है, जोकि राहत की खबर है।
रेस्क्यू में सेना, वायुसेना, मरीन कमांडो और एनडीआरएफ जी जान से जुटी हैं। वहीं, 61 हेलीकॉप्टर भी राहत कार्य में लगे हैं। सेना और वायुसेना ने फंसे लोगों को निकालने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए जबरदस्त तरीके से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं। कुछ स्थानों पर सेना और सीमा सड़क संगठन ने सड़कें बनाई हैं। वहीं, श्रीनगर-लेह हाइवे को खोल दिया गया है। वहीं, बाढ़ के हालात पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद निगरानी रख रहे हैं। राज्य के इतिहास में पिछले 60 वर्ष में आई भीषणतम बाढ़ से तबाह हुई सड़कों और संचार व्यवस्था को कायम करने में सरकारी एजेंसियां जुट गई हैं। बाढ़ से करीब 200 से अधिक लोगों की जान जा चुकी हैं।
बाढ़ की विभीषिका से बुरी तरह प्रभावित श्रीनगर शहर में जल स्तर घटने लगा है जिसके चलते बचाव कर्मियों ने रेस्क्यू अभियान तेज कर दिया है। लेकिन बाढ़ग्रस्त कश्मीर घाटी में आज भी चार लाख लोग मदद का इंतजार कर रहे हैं। बचाव कार्य तेज करते हुए सेना और वायुसेना ने बाढ़ के पानी में फंसे लोगों को निकालने, उन्हें खाद्य सामग्री और दवाएं मुहैया कराने के लिए 329 कॉलम तथा 79 विमान और हेलीकॉप्टर तैनात किए हैं। रक्षा प्रवक्ता कर्नल जीडी गोस्वामी ने आज बताया कि जम्मू कश्मीर में भारतीय सैन्य बल युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव अभियान चला रहे हैं। सशस्त्र बलों और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने राज्य के विभिन्न हिस्सों से अब तक 76,500 से अधिक लोगों को बचाकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।
उन्होंने बताया कि भारतीय वायुसेना और सैन्य उड्डयन कोर (आर्मी एविएशन कॉर्प) के 79 विमानों और हेलीकॉप्टरों को राहत एवं बचाव कार्य में लगाया गया है। सेना ने अपने जवानों के 329 कॉलम इस अभियान के लिए तैनात किए हैं जिनमें से 244 कॉलम श्रीनगर में और 85 कॉलम जम्मू क्षेत्र में है। रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि आम तौर पर जल स्तर घटने लगा है लेकिन झेलम नदी के आसपास के निचले इलाकों में जल स्तर बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि श्रीनगर शहर में बाढ़ के बाद जल स्तर 3 से 4 फुट कम हो गया है लेकिन वुलर झील में जल स्तर 6 इंच बढ़ा है। मानसबल झील में जल स्तर 3 इंच घट कर 18.3 फुट पर पहुंच गया है लेकिन यह अब भी खतरे के निशान से 4.3 फुट उपर है।
श्रीनगर शहर बाढ़ से सर्वाधिक प्रभावित इलाकों में से है। रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि जिन इलाकों में शुरू में पहुंच पाना संभव नहीं था वहां अब बचाव अभियान के दौरान ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राजबाग, जवाहर नगर, गोगजी बाग और शिवपोरा इलाकों में बड़ी संख्या में लोग फंसे हुए थे और उन्हें वहां से हटाया जा रहा है। अंदरूनी हिस्से में लोग जिम्मेदारी का परिचय देते हुए बचाव दलों को उन जगहों के बारे में बता रहे हैं जहां लोग फंसे हुए हैं। दक्षिण कश्मीर और श्रीनगर में सेना के कई शिविरों में बाढ़ का पानी भर चुका है और 1000 से अधिक सैन्य कर्मी एवं उनके परिवार वाले खाद्य सामग्री और पानी के बिना परेशान हो रहे हैं। छावनी इलाकों में पानी, बिजली, अन्य आपूर्ति और सेवाएं बाधित हैं।