पाक में हालात बेकाबू, सेना बुलाई

पाक में हालात बेकाबू, सेना बुलाई
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इस्लामाबाद। पाकिस्तान में जारी राजनीतिक गतिरोध ने अब उग्र रूप अख्तियार कर लिया है। हालात बेकाबू देख सेना बुला ली गई । हालांकि इसके बाद इमरान खान और मौलाना उल कादरी ने साफ किया है कि है पीटीवी आफिस में घुसने वाले प्रदर्शनकारी उनकी पार्टी के नहीं है। दोनों नेताओं ने अपनेप्रदर्शनकारियों को कहा है कि यदि उन्होंने ऐसा कोई कदम उठाया तो उन्हें पार्टी से निकाल दिया जाएगा।
इमरान-कादरी ने अपने प्रदर्शनकारियों को साफ संदेश देते हुए कहा है कि वह पुलिस फोर्स द्वारा लगाए गए बैरिकेट्स को भी पार करने की कोशिश न करें। कादरी ने भी कहा है कि हमारे प्रदर्शनकारी केवल पीएम हाउस के गेट के बाहर करेंगे, अंदर कोई नहीं जाएगा। यदि ऐसा हुआ तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इमरान खान ने कहा कि नवाज को खुद यह तय करना है कि वह पद छोड़कर आराम से जाना चाहते हैं, या फिर जिल्लत के साथ जाना चाहते हैं। वहीं दूसरी ओर मौलाना ताहिर उल कादरी ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने पीएम हाउस को चारों ओर से घेर लिया है, लिहाजा अब नवाज संसद नहीं जा सकेंगे। अब उन्हें इस्तीफा देना ही पड़ेगा। कादरी ने उन्हें लोगों का कातिल तक कहकर पुकारा है।
इससे पहले सोमवार को पाकिस्तान के सचिवालय और फिर प्रधानमंत्री आवास की ओर बढ़ रहे प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। उग्र प्रदर्शनकारियों ने भी पुलिस पर जमकर पथराव किया, जिसके बाद पुलिस को रबड़ की गोलियां तक चलानी पड़ी। इसमें पांच लोगों के घायल होने की खबर है।
कादरी ने साफ कर दिया है कि जब तक नवाज अपने पद से इस्तीफा नहीं देते हैं तब तक उन्हें उनके आवास से भी नहीं निकलने दिया जाएगा। कादरी ने नवाज पर सरकार के गठन को लेकर धांधली का आरोप लगाते हुए शरीफ की गिरफ्तारी की मांग की है।
गौरतलब है कि इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ और मौलाना ताहिर उल कादरी की पाकिस्तान आवामी तहरीक के समर्थकों द्वारा किए जा रहे इस प्रदर्शन में लगातार तीन दिनों से हिंसा का दौर जारी है। प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे दोनों नेताओं ने प्रधानमंत्री का इस्तीफा होने तक आंदोलन वापस लेने से मना कर दिया है। इसके अलावा इस मामले में सेना के रुख में आए बदलाव से भी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की मुश्किलें बढ़ गई हैं। सेना ने मामले में दखल देने से इन्कार करते हुए कहा है कि प्रदर्शनकारियों के खिलाफ ताकत का इस्तेमाल करने से हालात और बिगड़ेंगे। सेना ने बिना समय गंवाए राजनीतिक समाधान पर बल दिया है।
गौरतलब है कि शनिवार देर रात को प्रदर्शनकारी सदन का गेट तोड़कर अंदर घुस गए थे। इन्हें यहां से खदेड़ने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा था। हाथों में डंडे और खतरनाक हथियार लिए इन प्रदर्शनकारियों ने इसके बाद पीएम हाउस की ओर रुख कर लिया था। पुलिस को इन्हें खदेड़ने के लिए लाठी चार्ज और आंसू गैस का सहारा लेना पड़ा था। इस संघर्ष में करीब पांच सौ प्रदर्शनकारी घायल हो गए थे। 

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